यूपी में एक मार्च से इन 72 जिलो के 250 कर्मियों की जाएगी नौकरी, जारी हुआ आदेश
न्यू मिशन फॉर अर्बन पॉवर्टी एलिवेशन फंक्शनिंग ऑन लाइवलीहुड शुरू
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राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन शहरी कार्य मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत कई तरह से शहरी गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने की पहल की जाती है। वहीं अब घरेलू सहायकों निर्माण श्रमिकों और सफाई कर्मियों को दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के दायरे में लाने के लिए केंद्र सरकार एक नई योजना शुरू की थी।
एक मार्च से चली जाएगी 72 जिलों के 250 कर्मियों की नौकरी
न्यू मिशन फॉर अर्बन पॉवर्टी एलिवेशन फंक्शनिंग ऑन लाइवलीहुड शुरू
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन शहरी कार्य मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत कई तरह से शहरी गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने की पहल की जाती है. उनके कौशल विकास, स्वरोजगार या दैनिक मजदूरी के आधार पर। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय केंद्र सरकार ने इसके स्थान पर न्यू मिशन फॉर अर्बन पॉवर्टी एलिवेशन फंक्शनिंग ऑन लाइवलीहुड शुरू किया है। इसे प्रदेश के तीन शहरों लखनऊ, आगरा और वाराणसी में शुरू किया गया है। निदेशक सूडा द्वारा भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा पयलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन शहरों को चुना गया है। इसीलिए इन्हीं शहरों में रखे गए कर्मियों को मानदेय देने के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त अन्य किसी शहरों के लिए पैसे नहीं मिले हैं। इसलिए फरवरी 2025 के बाद प्रदेश स्तर पर अन्य 72 जिलों में रखे गए कर्मियों को मानदेय दे पाना संभव नहीं हो पाएगा। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन से राज्य में शहरी आबादी के जीवन में उल्लेखनीय सुधार आया है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को लगातार लाभान्वित किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना में शहर स्तर पर सिटी मिशन मैनेजर और सामुदायिक आयोजक रखे गए थे। बड़े शहरों में इनकी संख्या 10 तक थी और छोटे शहरों में दो से लेकर पांच तक थी।