यूपी के इस जिले में 4 लाख से ज्यादे आबादी वाले क्षेत्र को मिलेगी राहत, खर्च होंगे 800 करोड़ से ज्यादा
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यूपी में कई जिलों में जल भराव की समस्या नियंत्रित कर पाना समस्या की समस्या का जड़ है सरकार ऐसे कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लाकर जनता के बीच में लकर रख रही है शहर की जल निकासी व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है नई सीवर लाइन बिछाने की योजना शासन के तरफ से हरी झंडी मिल चुकी है.
यूपी के इस जिले में बिछेगी सीवर पाइन लाइन
यूपी के वाराणसी जिले में शहर की बढ़ती संख्या और निर्माण कार्यों में जल भराव की समस्या सर का बोझ बन चुका है सरकार ने इस समस्या को लेकर नई सीवर लाइन बिछाने का निर्देश दिया है इससे न केवल जल भराव में कमी आएगी अपितु शहर की स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिति में सुधार मिल पाएगा. नए शहरों में जल निकासी समस्या बनी ही रहती है लेकिन वही घाटों के किनारे और कई मोहल्ले में सीवर पूरी तरह से मुख मोडा है इस वजह से सीवर ओवरफ्लो एक जटिल समस्या बन चुका है इन समस्याओं को देखते हुए सरकार ने 823 करोड रुपए की लागत से नई सीवर लाइन बिछाने का फैसला लिया है.
इस चरण में 18 पुराने वार्डों में निर्माण कार्य किया जाएगा जल निगम द्वारा सर्वे का कार्य कुछ दिनों से जारी रखा है और शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज भी है शासन ने जल निगम का प्रस्ताव मानकर हरी झंडी का संकेत दे दिया. इस किस्त का आना प्रथम माह में जाना जा रहा है. ऐसे में पुराने वार्डों में सीवर ओवरफ्लो की समस्या से निदान मिलेगा. स्थानीय लोगों में इस समस्या से जल्दी मुक्ति मिले इसकी आप जिम्मेदार अधिकारियों से लगा रखी है कब यह काम में शुरू होगा और जल्द से जल्द इसका सुविधा मिले. इस परियोजना के तहत सीवर लाइन बिछाने का कार्य चरणबद्ध रूप से होना तय है निर्माण कार्य की समय सीमा और अन्य विवरण के लिए संबंधित विभाग स्थानीय लोगों को बतायेगा.
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ब्रिटिश काल के जमाने का बना था पाइपलाइन
प्रदेश सरकार ने इस परियोजना से शहर वासियों को जल भराव की समस्या से मुक्त करवायेगा और शहर की स्वच्छता में सुधार होगा. शहर में जल भराव की निकासी के लिए 200 वर्ष करीब पुराने ड्रेनेज व सीवरेज सिस्टम पर निर्भर रहा. ड्रेनेज व सीवरेज के लिए नगर निगम के पास शाही नाले का कोई विकल्प नहीं है. लेकिन यह ब्रिटिश के जमाने में बने ईंट के नाला वाराणसी का बैंक बोन माना गया है. इस प्रकरण को देखते हुए नगर निगम द्वारा पाइपलाइन बदलने का निर्णय लिया और 18 वार्डों में सिवर लाइन का विस्तार करेगा.
मिली जानकारी के अनुसार गंगा के घाटों के किनारे मोहल्ले में लगातार सीवर जाम समस्या रहता है. लगभग 40 साल बाद घनी आबादी वाले क्षेत्र में सीवर व पानी की पाइपलाइन बदल रही है ऐसा भविष्य में किसी प्रकार की समस्या ना उत्पन्न होने पर इसके लिए निगरानी और गहराई से मरम्मत कराया जा रहा है. इसमें 4 लाख की आबादी से अधिक और 100 मोहल्ले के लोगों के लिए सुविधा प्रदान करेगी. महापौर अशोक कुमार तिवारी ने बताया जल निगम ने कई दिनों पहले इसका सर्वे करवाया था निगम ने विस्तृत रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजा भी था बनारस की सीवर व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए जल निगम के प्रस्ताव को अब हरी झंडी मिल चुकी है.