UPSC टॉपर शक्ति दुबे पहुंचीं लखनऊ पुलिस हेडक्वार्टर ,पाकिस्तान के साथ जारी टकराव पर कही यह बात
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 की टॉपर शक्ति दुबे शनिवार को लखनऊ स्थित पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचीं, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। विशेष रूप से उन्होंने कुंभ मेले के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर तारीफ की। डीजीपी से मुलाकात के दौरान शक्ति दुबे ने देश की आंतरिक सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण और भारत-पाकिस्तान के संबंधों पर भी बेबाकी से राय रखी।
शक्ति दुबे ने पाकिस्तान के साथ जारी टकराव पर कहा कि भारत वर्षों से आतंकवाद से जूझ रहा है और अब भारत ठोस तथा सटीक जवाब देने की रणनीति पर चल रहा है। उन्होंने दो टूक कहा कि आतंकवाद के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत संभव नहीं है। जब तक पाकिस्तान अपनी ज़मीन से आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता, तब तक उसके साथ किसी भी तरह का इंगेजमेंट ठीक नहीं है।
महिला सशक्तिकरण पर पूछे गए सवाल के जवाब में शक्ति दुबे ने कहा कि भारत आज एक मजबूत स्थिति में खड़ा है और यह बात इस तथ्य से भी स्पष्ट होती है कि देश में महिलाएं हर क्षेत्र में मजबूती से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि “हमारे देश में केवल पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी काफी पावरफुल हैं और हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहती हैं।”
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प्रयागराज की रहने वाली शक्ति दुबे ने अपनी सफलता का श्रेय मां को दिया। उन्होंने बताया कि उनके पिता पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर हैं और उनकी ड्यूटी के कारण उन्हें एक शहर से दूसरे शहर में ट्रांसफर होता रहा। ऐसे में उनकी पढ़ाई की स्थिरता बनाए रखने में उनकी मां ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शक्ति ने साफ कहा कि मां के सहयोग, धैर्य और समर्पण के बिना यह मुकाम हासिल कर पाना संभव नहीं था।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में स्नातक किया और फिर BHU से UPSC की तैयारी की। इस दौरान भी उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर मेहनत करती रहीं।
लखनऊ पुलिस लाइन में रह रहे पुलिसकर्मियों के बच्चों से बातचीत में शक्ति दुबे ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को कुछ खास टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सिलेबस को गहराई से समझें और सीमित लेकिन भरोसेमंद स्रोतों से ही पढ़ाई करें। बिना योजना के पढ़ाई शुरू करना गलत है, इसलिए एक अच्छी रणनीति के साथ आगे बढ़ें।
उन्होंने कहा कि हर टॉपिक को एक साथ पढ़ने की गलती न करें। छोटे-छोटे हिस्सों में टॉपिक को बांटकर पढ़ें और रोजाना अभ्यास करते रहें। साथ ही उन्होंने यह भी जोर दिया कि धैर्य और निरंतरता ही इस परीक्षा की असली कुंजी है। अगर इन दो बातों का ध्यान रखा जाए, तो सफलता जरूर मिलेगी।
शक्ति दुबे का ये सफर देश के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, खासकर उन लड़कियों के लिए जो बड़े सपने देखती हैं और उन्हें पूरा करने की हिम्मत भी रखती हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सही दिशा, निरंतर मेहनत और परिवार का साथ हो तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं।