मुजफ्फरनगर: इलाज के लिए भटक रहा 60 साल का बुजुर्ग, CHC और जिला अस्पताल ने किया इनकार
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यूपी में मरीज और उनके परिवार का दुख सिर्फ एक जगह सीमित नहीं है अपितु यह एक व्यापक समस्या का रूप ले चुकी है इलाज न मिलने की वजह से समय रहते दवाइयां तथा विशेषज्ञ नहीं मिलने के कारण कई मामलों में जाने भी गवा दी जा रही है. भ्रष्टाचार और सिस्टम की गलती पर कठोर कार्रवाई तथा जिला स्तर पर नियमित निरीक्षण सख्त आवश्यक है.
स्वास्थ्य व्यवस्था फेल मरीज हो रहे परेशान
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्वास्थ्य मामलों को लेकर मरीज और परिवार दोनों ही मानसिक रूप से पीड़ित होने की खबर की जानकारी मिली है बताया गया है कि इलाज के लिए दर-दर की ठोकर एक बुजुर्ग खा रहा है 60 वर्षीय बुजुर्ग अब्दुल का इलाज नहीं हो रहा है जिस उम्र में सारी सुविधाओं का उपलब्धि मिलना चाहिए अब यह बुजुर्ग इस उम्र में जीवन जीने के लिए भीख मांग रहा है.
और यह भी उन अस्पतालों में जाकर मांग रहा है जहां पर वह डॉक्टर और विशेषज्ञ के चक्कर लगाने के लिए मजबूर हो चुका है. इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से इस पीड़ित बुजुर्ग को जिला अस्पताल भेज दिया गया है लेकिन अस्पतालों का स्तर वर्तमान समय में इतना गिर चुका है कि जिला अस्पताल में इलाज के लिए मना कर दिया. उसके बाद दोबारा इस पीड़ित बुजुर्ग को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जब लाया गया तब पीड़ित को भगा दिया गया.
क्या हो सकता है समाधान
यह पूरा मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला बताया जा रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सत्ता की तीसरी पारी में भाजपा स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने का बड़ा-बड़ा वादा कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत क्या है आप खुद जानिए आबादी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा नहीं दी गई है यहां तक की मरीज को समय पर दवा और अन्य सुविधाएं तक नहीं उपलब्ध हो पा रहा है.
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इस तरह उसके तमाम वादे अभी तक खोखले साबित दिखाई पड़ रहे हैं. आबादी के हिसाब से समुदाय स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा बेहतर होना अति आवश्यक है यहां प्रारंभ से ही स्टाफ और डॉक्टर की कमी रही है ऐसे में मरीज का सही तरीके से इलाज और देखभाल पूर्ण रूप से असंभव है ऐसा नहीं है की इस समस्या से प्रशासन और जनप्रतिनिधि वाकिफ ना हो पर शायद वह कुछ करना ही नहीं चाहते.