गोरखपुर-लखनऊ रूट: चौथी रेल लाइन को हरी झंडी, पुराने पुल से ही जुड़ेगा ट्रैक
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यूपी में इस रूट पर चौथी लाइन के लिए घाघरा नदी पर नया पुल निर्माण की आवश्यकता कि अब जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि तीसरी लाइन के लिए निर्माण किया गया पुल पर चौथी लाइन निर्माण की जाएगी जिसमें रेलवे बोर्ड से मंजूरी की हरी झंडी मिल चुकी है. अब इस निर्माण को लेकर आगे क्या होता लिए जानते हैं.
नया पुल निर्माण कार्य की जरूरत खत्म, जानिए क्यों
जिसमें निर्माण के समय इस पुल की कुल चौड़ाई बढ़ा दी गई थी. ऐसा इसलिए किया गया है कि इस पर अप और डाउन की अलग-अलग लाइन निर्माण आसानी से की जा सके. अब इस कड़ी में जब चौथी लाइन निर्माण कार्य का प्रस्ताव आसानी से तैयार किया गया तब नए पुल निर्माण की जगह छोड़ी गई एक लाइन को ही चौथी लाइन के रूप में निर्माण की योजना तैयार कर ली गई है जिसमें रेल प्रशासन ने इसके लिए प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को बनाकर भेज दिया गया था.
नई योजनाओं को मिली बोर्ड से मंजूरी
इस योजना को लेकर गोरखपुर और राजधानी लखनऊ में रेल लाइन पर बुढ़वल गोंडा कचहरी 55.75 किलोमीटर के बीचों बीच में चौथी लाइन बिछाने के लिए रेलवे बोर्ड से मंजूरी की हरी झंडी मिल गई थी अब इस लाइन के निर्माण पर 796.30 करोड रुपए की लागत खर्च की जाएगी गोंडा बुढवल 61.72 किलोमीटर तीसरी लाइन योजना का निर्माण कार्य 11 17.80 करोड रुपए की धनराशि खर्च की जाएगी जिसके अंतर्गत पहले चरण में ही गोंडा कचहरी से करनैलगंज 23.65 किलोमीटर कमीशन किया गया है.
दूसरे चरण में करनैलगंज घाघरा घाट 21.77 किलोमीटर के मध्य तीसरी लाइन का निर्माण कार्य आसानी से पूर्ण हो चुका है अब इस कड़ी में सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा है कि गोंडा से बुडवल के मध्य तीसरी लाइन योजना के माध्यम से गोंडा कचहरी से करनैलगंज तक करनैलगंज से घाघरा घाट तक कमीशन की प्रक्रिया हो चुकी है अब गोंडा से बुढवल के मध्य चौथी लाइन की स्वीकृति मिल चुकी है. इस दौरान सबसे मुश्किल तथा ज्यादा समय भी लग सकता है पुल निर्माण कार्य में लेकिन रेलवे की एडवांस प्लानिंग तथा दूरदर्शिता की वजह से अभी बन रहे पुल पर एक और रेलवे लाइन का प्रक्रिया रखा जा चुका है जिसमें लाभ चौथी लाइन योजना के दौरान मिल पाएगी.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।