यूपी के इस जिले में किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन, 1 इंच भी नहीं देंगे अपनी जमीन

यूपी के इस जिले में किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन, 1 इंच भी नहीं देंगे अपनी जमीन
Uttar Pradesh News

यूपी में अब आवास विकास परिषद द्वारा शेरनगर बिलासपुर तथा धंधेडा में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने विरोध धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया है इन्होंने राज्य सरकार से मिलने तथा उच्च न्यायालय में जाने का भी निर्णय लिया है किसानों ने अधिग्रहण प्रक्रिया के उच्च स्तरीय जांच की मांग की अपील की है. जिसमें किसानों ने सामूहिक पंचायत में यह फैसला लिया है कि वे अपनी जमीन 1 इंच भी नहीं देंगे तथा अधिग्रहण का पूर्ण जोर विरोध भी कर रहे हैं. 

भूमि अधिग्रहण करने के लिए जोरों शोरों से तैयारी

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में अब आवाज विकास परिषद मेरठ द्वारा दिल्ली और देहरादून नेशनल हाईवे के निकट शेरनगर, बिलासपुर तथा धंधेडा की 284 हेक्टेयर भूमि में नई आवासीय कॉलोनी निर्माण काका का खींचा गया है जिसमें भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों को नोटिस तीव्र गति के साथ दिया जा रहा है अब इसी बीच विरोध में किसानों ने शेरनगर गांव में सामूहिक पंचायत करके विभिन्न निर्णय ले लिया है जिसमें इन्होंने बताया है कि कॉलोनी निर्माण के लिए किसान अपनी भूमि एक इंच से भी कम नहीं भेंट करेंगे.

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इस दौरान अधिग्रहण का पूर्ण जोर किसानों के द्वारा विरोध किया जा रहा है जिसमें गांव शेरनगर में आशु मुखिया के आवास पर शेरनगर, बिलासपुर तथा धंधेडा के किसानों की सामूहिक पंचायत की जा चुकी है किसानों ने बताया है कि तीन गांव की लगभग लगभग 4200 बीघा कृषि भूमि को आवासीय योजना के माध्यम से अधिग्रहण का कार्य शामिल किया जा चुका है शेरनगर  की लगभग लगभग 3700 बीघा उपजाऊ भूमि देखी गई है. इसी तरह से बिलासपुर तथा धंधेडा की कृषि भूमि है इस माध्यम से आवास विकास परिषद द्वारा किसानों को खसरा संख्या के आधार पर भूमि अधिग्रहण की आपत्ति मांगने समेत प्रक्रिया के नोटिस लगातार भेजे जा रहे हैं बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है कि किसी स्थिति में किसान अपनी 1 इंच की भूमि नहीं देंगे.

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किसान नहीं देंगे अपनी जमीन, करना पड़ सकता है पलायन

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार से मिलने तथा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना के शांतिपूर्ण धरने तथा कानूनी विकल्प पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया जा चुका है इसके साथ-साथ ही विभाग द्वारा एक तरफा कार्रवाई पर भी आपत्ति जताई गई है आगे कहा गया है कि बिना किसी खुली सनुवाई और सहमति के नोटिस भेजना गलत कृत्य है. इस दौरान किसानों ने इस संपूर्ण कार्य की उच्च स्तरीय जांच करने की अपील की है ग्राम वासियों ने अब स्पष्ट कर दिया है कि या भूमि केवल कृषि भूमि नहीं है.

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अपितु धंधेडा, शेरनगर, बिलासपुर जैसे गांव 500 सालों से अधिक पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक तथा भौगोलिक पहचान वाले गांव माने जाते हैं. इस दौरान आगे कहा गया है कि अधिग्रहण के नाम पर न सिर्फ जमीन लेने का कार्य करने की कोशिश की जा रही है जिसमें चेतावनी दी कि यदि अधिग्रहण हुआ तो तीनों गांव से पलायन के लिए किसानों को विवश होना पड़ सकता है. जिसमें शेरनगर तथा बिलासपुर क्षेत्र में पहले से ही विभिन्न हाउसिंग कॉलोनियों को विकसित किया जा चुका है. इस दौरान शहर के पश्चिमी क्षेत्र में, विशेष कर शामली रोड, बुढ़ाना रोड, चरथावल रोड, वहलना रोड जैसा क्षेत्र में कोई बड़ी हाउसिंग योजना चलाई गई ना ही कोई संगठित आवासीय का विस्तार किया गया है.

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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।