2 घंटे की दूरी तय होगी 15 मिनट में, 90 km घट कर होएगा 31 किमी, यूपी को मिल रहा ये एक्सप्रेसवे
Faridabad Jewar Expressway News
                                                 इस एक्सप्रेसवे से दोनों राज्यों के बीच परिवहन नेटवर्क बढ़ने की उम्मीद है और यह संभवतः पूरे फरीदाबाद-जेवर कॉरिडोर के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा.
छह लेन का एक्सप्रेसवे जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को फरीदाबाद के सेक्टर 65 से जोड़ेगा. दावा है कि यह एक्सप्रेस वे फ़रीदाबाद-जेवर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में वल्लभनगर, अमपुर और झुप्पा जैसे गांवों से होकर गुजरेगा. टाइम्स प्रॉपर्टी की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में, एक्सप्रेसवे से बाहपुर, कलां, मोहना, नरहावली और अन्य गांवों को जोड़ने की उम्मीद है.
इस परियोजना से आस-पास की नगर पालिकाओं में अचल संपत्ति की मांग में वृद्धि होने की भी भविष्यवाणी की गई है. इसके अलावा, इसके पूरा होने पर संपत्ति के मूल्यों और आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि हो सकती है. एक्सप्रेसवे से फरीदाबाद और जेवर के बीच की 90 किलोमीटर की दूरी घटकर सिर्फ 31 किलोमीटर रह जाएगी.
यह भी पढ़ें: यूपी के गन्ना किसानों को बड़ा तोहफ़ा! अब मिलेगा ₹400 प्रति क्विंटल का भाव, बाकी राज्यों में कितना?इस बीच, हरियाणा के मोहना गांव में एक इंटरचेंज का निर्माण भी चल रहा है, और यह कुंडली हजियाबाद पलवल (केजीपी) एक्सप्रेसवे को जेवर राजमार्ग से जोड़ेगा.
इस स्थान और मोहना गांव के बीच की दूरी लगभग 6.5 किलोमीटर है. इसके अलावा, मोहना-बाघपुर-फलैदा रोड पर प्रवेश और निकास रैंप का भी निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच सार्वजनिक परिवहन कनेक्टिविटी को बढ़ाना है.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) जल्द ही जेवर हवाई अड्डे के अनावरण की तैयारी कर रहा है और इसने सड़कों, ट्रेनों, रैपिड रेल और एक्सप्रेसवे के माध्यम से सुचारू कनेक्टिविटी को पूरा करने के लिए पहले से ही कई एजेंसियों को बोर्ड पर ला दिया है.
ताजा खबरें
About The Author
                 वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती
वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।
उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है
