यूपी में पूर्व विधायक के 10 ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई
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ईडी ने की कार्रवाई
हाल में ईडी ने विभिन्न वित्तीय घोटालों में आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. इनमें बड़े व्यापारिक घरानों सरकारी अधिकारियों और अन्य उच्च पदस्थ व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी के मामले शामिल हैं. ईडी ने कई कंपनियों और व्यापारिक संस्थाओं के खिलाफ जांच शुरू की. जिनमें कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन किया गया था. सपा नेता और चिल्लूपार सीट से पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर, लखनऊ, नोएडा और मुंबई के ठिकानों सहित देश में करीब दस जगहों पर ईडी ने एक साथ रेड डाली है.
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अचल संपत्ति के मामलों में छापेमारी
अचल संपत्ति के मामलों में छापेमारी
नोटबंदी के बाद ईडी ने कई मामलों की जांच की. जहां धन शोधन और नकद लेन.देन के माध्यम से भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. इसमें प्रमुख राजनेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई जो नोटबंदी के दौरान काले धन को सफेद करने में शामिल थे. पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवंबर 2023 में जब्त कर दिया था. ईडी ने यह कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेस लिमिटेड द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 1129.44 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में की थी. बैंकों की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय ने केस दर्ज किया था, जिसके बाद ईडी ने भी विनय तिवारी समेत कंपनी के समस्त निदेशक,
प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. ईडी की जांच में सामने आया था कि मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों, गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लिया था. बाद में इस रकम को उन्होंने अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया और बैंकों की रकम को वापस नहीं किया. इससे बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.