यूपी के इस नये एक्सप्रेस-वे पर विमान की कराई जाएगी लैंडिंग, किया गया निरीक्षण
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उत्तर प्रदेश में परिवहन और बुनियादी ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव आने की संभावना है. जो राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा. निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य में औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद है. क्योंकि यह औद्योगिक कॉरिडोर के विकास को बढ़ावा देगा. जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास होगा.
गंगा एक्सप्रेसवे पर होगा विमान लैंडिंग का टेस्ट
वर्तमान में इसे छह लेन का बनाया जा रहा है. लेकिन भविष्य में इसे आठ लेन तक विस्तारित करने की योजना है. जिससे यातायात क्षमता में वृद्धि होगी. गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. जिसका उद्देश्य राज्य के विभिन्न हिस्सों के बीच यातायात को सुगम बनाना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है. शाहजहांपुर के जलालाबाद क्षेत्र में गंगा एक्सप्रेसवे पर बनी हवाई पट्टी पर वायुसेना 2 मई से विमान लैंडिंग का परीक्षण करेगी.
बरेली एयरफोर्स के एक दर्जन अधिकारियों ने शुक्रवार को चमरपुर खुर्द स्थित हवाई पट्टी का निरीक्षण किया. सुरक्षा व्यवस्था के तहत लैंडिंग के दौरान 5 किलोमीटर के दायरे में आवाजाही पर रोक रहेगी. इस क्षेत्र में पशु-पक्षियों की मौजूदगी भी नहीं होगी. हवाई पट्टी के चारों ओर बाउंड्री बनाई जाएगी. रनवे को पूरी तरह समतल किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वहां पत्थर या कंक्रीट के टुकड़े न हों. उप जिला अधिकारी दुर्गेश यादव ने बताया कि परीक्षण 2 से 3 मई तक चलेगा. एयरफोर्स अधिकारियों ने हवाई पट्टी को पूरी तरह तैयार बताया. कुछ मामूली कमियों को जल्द दूर करने के निर्देश दिए गए हैं.
हवाई पट्टी का किया निरीक्षण, सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना में सुरक्षा व्यवस्था को उच्चतम प्राथमिकता दी गई है. विशेष रूप से आपातकालीन हवाई लैंडिंग की सुविधा इस एक्सप्रेसवे पर शाहजहाँपुर जिले में हवाई पट्टी ;एयरस्ट्रिप बनाई जाएगी. जो भारतीय वायु सेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग और टेक.ऑफ के लिए उपयोगी होगी. इन सभी उपायों के माध्यम से गंगा एक्सप्रेसवे को एक सुरक्षित, पर्यावरण मित्र और तकनीकी दृष्टि से उन्नत मार्ग बनाने का प्रयास किया जा रहा है,
जो यात्रियों और वन्यजीवों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है. जो सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त है. एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 1.5 मीटर ऊंची बाउंड्रीवाल बनाई जाएगी. जिससे जंगली जानवरों के सड़क पर आने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके. साथ ही वन्यजीवों के निर्बाध आवागमन के लिए अंडरपास, ओवरपास और कल्वर्ट की संख्या बढ़ाई गई है.