यूपी के इस एयरपोर्ट से जुड़ेगा रेलवे, निर्माण के लिए खर्च होंगे करोड़ों

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ;जेवर एयरपोर्ट को भारतीय रेलवे से जोड़ने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम चल रहा है. इसमें भूमिगत ;अंडरग्राउंड ट्रैक की बजाय जमीन पर बिछे हुए रेल ट्रैक का निर्माण किया जाएगा. इस परियोजना का अनुमानित खर्च ₹2.350 करोड़ है.
रेलवे की आधुनिकता और तकनीकी विकास
इस रेल कॉरिडोर की कुल लंबाई लगभग 61 किलोमीटर होगी. यह ट्रैक दिल्ली.हावड़ा और दिल्ली.मुंबई रेलमार्ग से जुड़ा होगा. ट्रैक हरियाणा के पलवल जिले के रुंधी स्टेशन से शुरू होकर उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगा और नोएडा एयरपोर्ट तक जाएगा. यहां से यह ट्रैक बुलंदशहर के चोला स्टेशन तक जाएगा. नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग से जोड़ने के लिए 68 किलोमीटर लंबा ट्रैक बिछेगा. पहले यह ट्रैक भूमिगत बिछना था, लेकिन अब जमीन के ऊपर से गुजरेगा. यह ट्रैक रुंधी से चोला तक जाएगा. उत्तर मध्य रेलवे ने इसका एलाइंमेंट तैयार कर लिया है. प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग से जोड़ने की योजना करीब दो वर्ष पहले बननी शुरू हुई थी.
उत्तर मध्यम रेलवे को रेलमार्ग की डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसका खाका तैयार कर लिया गया है. रेलवे न केवल देश की आर्थिक धारा को जोड़ने वाला था. बल्कि यह सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो गया. रेलवे के माध्यम से भारतीय सेना के लिए आपूर्ति और सैनिकों का आवागमन आसान हो गया. इसके अलावा रेलवे ने समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाकर भारतीय समाज में एकता और अखंडता को बढ़ावा दिया. यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा, सेंट्रल रेलवे प्रयागराज ने रेलमार्ग का खाका तैयार कर लिया है. इसमें संशोधन होने की जरूरत है। फिलहाल रेलमार्ग कुछ सेक्टरों और एयरपोर्ट साइट से होकर गुजर रहा है, जिसे बाहर से गुजारा जाएगा, इसके लिए पत्राचार किया जा रहा है.
वर्तमान में रेलवे के सामने चुनौतियाँ
समय के साथ भारतीय रेलवे में तकनीकी विकास हुआ है. ट्रेनों की गति में वृद्धि नई तरह की उच्च गति वाली ट्रेनें ;जैसे शताब्दी राजधानी और वंदे भारत एक्सप्रेस रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण और स्वचालन प्रणालियाँ रेलवे के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम रहे हैं. भारतीय रेलवे ने नई प्रौद्योगिकी अपनाई है. जैसे कि आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम, इलेक्ट्रिक और डीजल इंजन, और स्मार्ट रेलवे स्टेशनों का निर्माण. वर्तमान एलाइंमेंट में भी रेलवे ने रेलमार्ग को यमुना सिटी के सेक्टर-6, 7, 8 के बीच से गुजारा हुआ है. इसके अलावा एयरपोर्ट साइट से भी कुछ मीटर रेलमार्ग जा रहा है, जिस पर प्राधिकरण ने आपत्ति जताई है. प्राधिकरण ने सेक्टर के बाहर जा रहे रजवाहे के किनारे रेलमार्ग बनाने और एयरपोर्ट साइट से भी रेलमार्ग को हटाने के लिए रेलवे को अब संशोधन प्लान भेजने की तैयारी कर ली है, इसके लिए पत्राचार शुरू कर दिया गया है. हरियाणा के संधी स्टेशन से एयरपोर्ट की दूरी लगभग 29 किलोमीटर और चोला स्टेशन से 16 किलोमीटर है. रुंधी हरियाणा के पलवल के पास है, जबकि चोला बुलंदशहर के खुर्जा में है.
इस रेलमार्ग की सीधी लंबाई 45 किलोमीटर है, लेकिन एलाइंटमेंट में बदलाव और लूप समेत कई अन्य निर्माण के चलते इसकी लंबाई 68 किलोमीटर हो गई है. पहले यह 61 किलोमीटर का ट्रैक था। इस ट्रैक पर पांच रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं. वहीं, कार्गाे के लिए डेडिकेटेड टर्मिनल बनाने पर भी विचार हो रहा है. रुंधी से चोला वाया एयरपोर्ट रेलमार्ग बनने में करीब 2350 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. बाद में इस लाइन को आनंद विहार टर्मिनल होते हुए आईजीआई एयरपोर्ट तक भी कनेक्टीविटी देने पर विचार हो रहा है, ताकि कार्गाे के साथ ही यात्रियों को सुविधा मिल सके. उम्मीद की जा रही है कि मंजूरी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके बाद रेलमार्ग बनाने का ऐप पर पढ़ें सकेगा.