यूपी में गर्मी के चलते बिजली की बढ़ रही परेशानियां, लोगों में ग़ुस्सा
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यूपी में गर्मी को लेकर बिजली की बढ़ती मांग और उत्पादन की क्षमता मैं कमी के कारण से बिजली संकट की भयंकर आपदा आए दिन उत्पन्न होती रहती है. लेकिन ऊर्जा संरक्षण के उपाय के माध्यम से बिजली आपूर्ति प्रणालियों की क्षमता में तीव्र गति से वृद्धि करना आवश्यक है.
बिजली की बढ़ती मांग संकट की स्थिति
उत्तर प्रदेश में गर्मी के चलते बिजली की मांग भी आसमान को छू रहा है जिसमें 3000 मेगावाट से भी ज्यादा हो गई है इस दौरान कई स्थानों पर बिजली की समस्याएं भी दिन प्रतिदिन देखने को मिल रही है अब लोग पंखे और हाथ से झेलने वाले पंखे की जरूरत का सहारा यही बन चुका है इसमें देर रात तक गर्मी का असर लगातार जारी है. इधर कुछ दिनों से मौसम में बिजली की मांग तीव्र गति से भारी वृद्धि हो रही है ऊर्जा आपूर्ति प्रणालियों का दबाव बढ़ता जा रहा है
जिसमें विशेष रूप से मैं और जून के महीना में तापमान में लगातार वृद्धि के चलते हाई टेक्निकल उपकरणों का इस्तेमाल की वजह से उपयोग बढ़ता जा रहा है जिससे बिजली की खपत तीव्र गति से हो रही है. इस गर्मी में बिजली की मांग के साथ-साथ अब कोयले की आपूर्ति में भी और जलाशय में पानी के स्तर में गिरावट बिजली उत्पादन काफी प्रभावित हो रहा है इसी के चलते कई राज्यों में यह संकट देखने को मिल पा रहा है बिजली की कमी व्यापक रूप से देखी जा रही है.
प्रदेश में बढ़ी बिजली की मांग
इस दौरान बिजली मंत्रालय ने गर्मी के दौरान बढ़ती मांग को देखते हुए उत्पादकों को सतर्क रहने का दिशा निर्देश जारी किया है. उत्तर प्रदेश में अब आने वाले महीनों में बिजली के निर्वाध आपूर्ति इधर सुनिश्चित की जाएगी. प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग भविष्य में एक गंभीर और लगातार बढ़ती हुई चुनौती बनकर उभर रही है लेकिन इसमें खास बात यह है कि विकासशील देशों में अब मांग मौसमी परिस्थितियों, शहरीकरण और डिजिटल, आर्थिक विकास, जीवन शैली प्रसार से इधर लगातार प्रभावित होती जा रही है.
जांच के मुताबिक इधर देखा जा रहा है कि हर साल गर्मियों में तापमान का रिकॉर्ड तीव्र गति से बढ़ता ही जा रहा है जिसमें एक कूलर, एसी और पंखा भारी मांग के कारण बिजली में अब खपत कई गुना बढ़ चुकी है. अपने शहरों में और औद्योगिक इकाइयां तथा स्टार्टअप हब के चलते बिजली की ज़रूरतें बढ़ गई है. इस दौरान निर्माण और स्मार्ट सिटी योजनाओं में भी भारी बिजली की खपत की जा रही है.