यूपी में डीएम ने आरटीओ ऑफिस पर मारा छापा, CCTV देख दलालों पर FIR
भारी पुलिस के साथ अचानक हुई छापेमारी से वहां पर हड़कंप मच गया
आरटीओ कार्यालय में छापेमारी की खबर सामने आई है। इस दौरान डीएम की छापेमारी के बाद दलाल भागते नजर आए। आरटीओ ऑफिस में दलालों की शिकायतें कई बार मिल चुकी हैं। लगातार दलालों की शिकायतों के बाद डीएम ने छापेमारी की है। उत्तर प्रदेश के ताजा समाचार के लिए भारतीय बस्ती से जुड़े रहें, यहां पढ़ें।
लखनऊ डीएम ने ऑफिस में मारा छापा
यूपी के लखनऊ में दलालों ने नेक्सस ऑफिस में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों से गठजोड़ कर मोटी दलाली का खेल कर रहे थे। इसके बाद भी जिम्मेदार अफसर कार्रवाई करने को तैयार नहीं थे। मंगलवार को डीएम सूर्यपाल गंगवार अचानक ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय पहुंचे तो दलाल कागज-बस्ता लेकर भागने लगे। डीएम ने अफसरों को फटकार लगाते हुए आम लोगों का काम करने के निर्देश दिए।भारी पुलिस के साथ अचानक हुई छापेमारी से वहां पर हड़कंप मच गया। पकड़े जाने के डर से कई दलाल दीवार फांदकर भाग गए। इस दौरान कुछ लोग पकड़े भी गए लेकिन पूछताछ के बाद उनको छोड़ दिया गया। छापे में डीएम के साथ संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था अमित वर्मा भी थे। डीएम ने एआरटीओ प्रदीप कुमार सिंह के कमरे का भी निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने एलईडी स्क्रीन पर कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किया। उन्होंने कहा कि समय-समय पर सीसीटीवी फुटेज देखें और कोई संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। तभी दलाली पर अंकुश लग सकेगा। इसमें बिल्कुल लापरवाही न बरती जाए। बता दें कि आरटीओ ऑफिस में आम आदमी को लाइसेंस बनवाने के लिए महीनों चक्कर काटना पड़ता है, वहीं दलाल मोटी उगाही कर सभी काम आसानी से करवा देते हैं। कई बार ये दलाल फॉर्म भरकर सिर्फ कैमरों के सामने फोटो खिंचवा कर ड्राइविंग लाइसेंस घर भेजवा देते हैं। लंब समय से अटके जो काम नहीं हो पाते, उसे दलाल मोटी रकम लेकर आसानी से करा देते हैं। ऐसे में लोग पैसे देकर काम करवाने को मजबूर हो जाता है।
अफसरों की लगी क्लास
परिवहन विभाग ने लर्नर लाइसेंस की व्यवस्था ऑनलाइन तो कर दी है लेकिन उसमें दिक्कतें आ रही है इसीलिए मजबूर लोग साइबर कैफे जा रहे हैं और यहां पर उनसे मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं। इस तरह की शिकायतों को देखते हुए के जमावड़े की खबर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार को मिली। इसके बाद उन्होंने मंगलवार को पुलिस के साथ मिलकर आरटीओ कार्यालय में छापेमारी की। मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार अचानक आरटीओ कार्यालय पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले कार्यालय के सभी गेट बंद करा दिए। फिर वहां आए लोगों से पूछताछ शुरू कर दी। जिस काम के लिए लोग आए थे उसके कागज चेक किए। कुछ लोग संदिग्ध लगे तो उनसे गहरी से पूछताछ की। हालांकि सही पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों को छोड़ दिया गया। आरटीओ कार्यालय के अंदर दलालों का रोज जमावड़ा लगता है। बाहर चाय से लेकर पान की दुकानों और साइबर कैफे तक दलालों की ही रहते है। यहां पर हर रोज बड़ी संख्या में आवेदक ठगी का शिकार होते हैं। हालांकि अफसर यह कहकर टाल देते हैं कि बाहर क्या हो रहा है इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं है। कार्यालय में काम कराकर वापस जाने वाले भी गेट बंद होने करीब एक घंटे तक बाहर भी नहीं निकल पाए। कार्यालय में जगह-जगह खड़ी गाड़ियां देख डीएम नाराज हुए। उन्होंने आरटीओ संजय तिवारी से कहा कि दो से तीन दिन का सीसीटीवी फुटेज कंप्यूटर पर चेक करें। उसमें देखें कि कौन ऐसा व्यक्ति है जो रोज आरटीओ कार्यालय आ रहा है और उसकी पहचान करें। इसके बाद पकड़कर गिरफ्तार कराएं।