ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ नीति को पूरी सक्रियता से लागू रखें- सीएम योगी

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोविड संक्रमण से बचाव एवं उपचार की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ नीति कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त कारगर सिद्ध हुई है. इस नीति को पूरी सक्रियता से लागू रखने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना टीकाकरण कार्य में और तेजी लाई जाए. मुख्यमंत्री ने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 55 नए मामले सामने आये हैं. इसी अवधि में 107 संक्रमित व्यक्तियों को सफल उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया है. वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 1,036 है. पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में 2 लाख 46 हजार से अधिक कोविड टेस्ट किये गये हैं. राज्य में अब तक कुल 06 करोड़ 30 लाख 73 हजार 05 कोरोना टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं. राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98.6 प्रतिशत है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आगामी 30 जुलाई को प्रदेश के 09 जनपदों देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, सिद्धार्थ नगर, गाजीपुर, मीरजापुर और जौनपुर में नवस्थापित मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया जाना प्रस्तावित है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम के दृष्टिगत सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्प लाइन-1076 के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों से संवाद की व्यवस्था की जाए. सी0एम0 हेल्प लाइन द्वारा प्रतिदिन कम से कम 100 वृद्धजन को फोन कर उनके स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की जाए, अन्य जरूरतों के बारे में पूछा जाए और उनकी समस्याओं का समाधान कराया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन का कार्य पूरी गति से संचालित किया जाए. इसके साथ ही, फॉगिंग व एन्टी लार्वा स्प्रे का भी छिड़काव किया जाए. उन्होंने कहा कि बरसात के दृष्टिगत नदियों के जल स्तर की सतत मॉनीटरिंग की जाए. एन0डी0आर0एफ0 तथा एस0डी0आर0एफ0 की टीमों को पूरी तरह सक्रिय रखा जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी गो आश्रय स्थलों मे सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. पशु पालन विभाग के अपर निदेशक/संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारीगण गो-आश्रय स्थलों का निरीक्षण करें तथा इसकी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएं.