लखनऊ कानपुर के बीच हवा में चलेंगी बस!
.png)
यूपी में अब कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोग आरामदायक सफर कर सकें इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं, इससे ईंधन, समय और संसाधन सभी की बचत होगी।
यूपी में इस शहर के लोग जल्द कर पाएंगे बस से सफर
सड़कों की बजाय हवा में दौड़ेंगी बसें
इन बसों को यातायात के सार्वजनिक साधन के तौर पर शुरू करने की घोषणा की गयी थी ताकि सड़क पर ट्रैफिक के बहाव को कम करने के साथ ही अधिक से अधिक यात्रियों को एक बार में सफर करने की सुविधा मिल सकें। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा करते हुए कहा लखनऊ में जल्द ही एयरो बसों का संचालन शुरू होगा जिनका किराया दूसरी बसों की तुलना में 30 प्रतिशत तक कम रहेगा। वहीं लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे जिसका लोगों को लंबे समय से इंतजार है उसके अगले तीन से चार महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस मौके पर उन्होंने कई दूसरी जरूरी परियोजनाओं की भी घोषणा की। उन्होंने बताया कि भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर जल्द ही बनेगा जिससे दोनों शहरों के बीच आना जाना तेज और सुविधाजनक होगा। इसके अलावा दिल्ली से देहरादून की यात्रा अब मात्र दो घंटे में पूरी की जा सकेगी। उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में परिवहन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उत्तर प्रदेश सरकार एक परिवर्तनकारी शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की कल्पना करती है, जिसमें इलेक्ट्रिक बसों पर विशेष जोर दिया जाएगा। रिपोर्ट का अनुमान है कि 2031 तक दैनिक सवारियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश के 26 चुनिंदा शहरों में बस खरीद के लिए 15.700 करोड़ रुपये का संयुक्त व्यय आवश्यक होगा। इसके अलावा, अधिकांश बस उपयोगकर्ता और संभावित उपयोगकर्ता बसों के लिए बेहतर अंतिम.मील कनेक्टिविटी और कम प्रतीक्षा समय की मांग करते हैं। अध्ययनों में पाया गया कि 40 प्रतिशत से अधिक वर्तमान बस उपयोगकर्ता अपनी यात्रा का अंतिम मील पैदल ही तय करते हैं, जो बस प्रणालियों के साथ एकीकृत बेहतर फुटपाथ नेटवर्क की तत्काल आवश्यकता पर बल देता है। इसके अलावा, अधिकांश बस उपयोगकर्ता समय पर पहुंचने और समय.सारिणी का पालन करने को प्राथमिकता देते हैं, 40 प्रतिशत से अधिक वर्तमान प्रतीक्षा समय को औसत से कम बताते हैंए जो उपयोगकर्ता की संतुष्टि और सवारियों की संख्या बढ़ाने में समय पर सेवाओं के महत्व को उजागर करता है। उत्तर प्रदेश में 25,000 करोड़ रुपये की लागत से छह ग्रीन रिंग रोड परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा ब्रज परिक्रमा रास्ता, राम वन गमन रास्ता और राम-जानकी रास्ते से जुड़े काम भी जल्द ही पूरे किए जाएंगे। बौद्ध सर्किट को भी व्यापक रूप से विकसित किया जा रहा है। वाराणसी, प्रयागराज और मथुरा-वृंदावन में 5,000 करोड़ रुपये की लागत से रोपवे सेवाएं शुरू की जाएंगी।