यूपी में इन नये रेलवे रूट का मिलेगा बजट, वंदे भारत,अमृत भारत ट्रेन भरेंगी फर्राटा
भारत 2047 तक वैश्विक महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके लिए रेल व्यवस्था का नवीनीकरण अत्यंत आवश्यक है
भारत सरकार रेलवे में बहुत अधिक निवेश कर रही है। ट्रेन की यात्रा का पूरा कलेवर ही बदलता जा रहा है। स्टेशन के नए निर्माण से लेकर नई ट्रेनों का ऐलान तक किया जा रहा है। ऐसे ही वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद रेल मंत्रालय ने अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहा है।
पटरी पर दौड़ेंगी नई अमृत भारत ट्रेनें
भारत की वैश्विक महाशक्ति बनने की यात्रा में रेलवे की भूमिका
भारतीय रेलवे दुनिया की प्रमुख रेल प्रणालियों में से एक है और पिछले एक दशक में सरकार ने इसके मूलभूत ढांचे के विकास आधुनिकीकरण और परिचालन दक्षता में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। इसके परिणामस्वरूप रेलवे ने एक नई दिशा प्राप्त की है। बजट में सुरक्षा, संरक्षा और तेज गति से ट्रेनों को चलाने पर ज्यादा फोकस किया गया है। पिछले साल के अधूरे कार्यों को पूरा कराने के लिए ज्यादा बजट मिला है। रेलवे में 1.14 लाख रुपये संरक्षा पर ही खर्च होंगे। एनईआर में छपरा से बाराबंकी से तक ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम बिछाने, ट्रेनों में कवच सिस्टम लगाने पर तेजी से काम होगा। एनईआर में छपरा से बराबंकी के बीच रेलखंड को कवच से लैस करने के काम में अब तेजी आएगी। टेंडर हो चुका है अब बजट मिलने के बाद काम शुरू होगा। इसके तहत ऑप्टिकल फाइबर बिछाने, टॉवर लगाने आदि के काम होंगे। इसके लगने से आमने-सामने ट्रेनों की टक्कर की संभावना खत्म हो जाएगी। दरअसल, कवच एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है, जिसे अनुसंधान, अभिकल्प एवं मानक संगठन आरडीएसओ ने विकसित किया है। इसके तहत रेल ट्रैक के किनारे फाइबर केबिल बिछाया जाता है और एक निश्चित दूरी पर टावर लगाते हैं। लोको में सेंसर आधारित डिवाइस लगाई जाती है, जो सामने से ट्रेन आने पर स्वयं इमरजेंसी ब्रेक लगा देती है।