यूपी के इस जिले में एक साथ चले 5 बुलडोजर, 363 कब्जे गए हटाए, 100 कर्मचारी सड़क पर उतरे
मामले में पारित आदेशों का हवाला देते हुए नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं
यूपी के कानपुर में बुलडोजर एक्शन हुआ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस बड़े फैसले में तय किया गया है कि किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण तोड़ने से पहले नोटिस देना अनिवार्य होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला
यूपी में क्या थमेगी 'बुलडोजर बाबा' की रफ्तार
मामले में पारित आदेशों का हवाला देते हुए नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि, अवैध निर्माण ढहाने या अतिक्रमण हटाने से पहले संबंधित्त प्राधिकरणों और नगर निकायों को नियमों का पालन करना होगा। किसी भी अभियान से 15 दिन पहले ऐसे लोगों को नोटिस देना अनिवार्य होगा। नोटिस में स्पष्ट बताना होगा कि कितना निर्माण अवैध है। इसके बाद विधि व्यवस्था के आधार पर यह कार्रवाई की जाएगी। महापौर प्रमिला पांडेय शनिवार को नगर आयुक्त सुधीर कुमार के साथ सबसे पहले बाबूपुरवा ईदगाह तिराहे पहुंचीं। इस दौरान अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम के पांच बैकहो लोडर और 100 से ज्यादा सफाई कर्मचारी भी साथ चल रहे थे। पिछले वर्ष सिविल लाइंस की एक हजार करोड़ रुपये की जमीन पर कब्जा करने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके आरोपित जेल में हैं। पुलिस को गुरुवार को जमीन पर कब्जा होने की सूचना मिली, जिस पर एसडीएम सदर ऋतु प्रिया, तहसीलदार, लेखपाल और कोतवाली पुलिस मौके पर गई। वहां गार्ड और कुछ लोग मिले। गेट पर किसी तरह का कोई ताला नहीं था। उन्होंने अधिकारियों को हाईकोर्ट का स्टे होने की जानकारी दी। कोतवाली इंस्पेक्टर जगदीश प्रसाद पांडेय ने बताया कि जमीन पर जिला प्रशासन का कब्जा है। केवल उस जगह पर जहां डीसीपी सेंट्रल का कार्यालय बनना है, वहां पर गार्ड और कुछ लोग मिले थे। उन्हें स्टे आर्डर देने के लिए कहा गया है। अगर आर्डर नहीं दे पाएंगे तो उन्हें जगह खाली करनी होगी।
भारी लाव-लश्कर देखकर लोगों ने पहले ही कब्जे हटाने शुरू कर दिए। इस दौरान दस्ते ने 346 अस्थायी, 17 स्थायी जिनकी कुल संख्या 363 कब्जे हटाए। पांच ट्रक सामान भी जब्त कर लिया गया। महापौर ने बताया कि यहां पर अतिक्रमणकारियों ने 80 फुट चौड़ी सड़क को घेर रखा था। इसके कारण लोगों को जाम से जूझना पड़ता था। यहां पर नालों पर पक्की दुकानें बना ली गईं जिनके कारण यहां पर नाला और नालियों की सफाई भी नहीं हो पा रही थी।