उत्तर भारत का पहला और पूरे देश का दूसरा वानिकी विश्वविद्यालय होगा। इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गोरखपुर वन प्रभाग ने जटायु संरक्षण केंद्र के समीप ही 50 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर रखी है। सरकार ने गोरखपुर में प्रदेश के पहले वानिकी विश्वविद्यालय के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। बजटीय प्रावधान कर गोरखपुर में पांचवें विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
गोरखपुर में पांचवीं यूनिवर्सिटी का रास्ता साफ
वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में योगी सरकार ने 50 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान कर गोरखपुर में पांचवें विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर दिया है, वानिकी और औद्यानिक विश्वविद्यालय के रूप में गोरखपुर का यह पांचवां विश्वविद्यालय में बेहद अनूठा और उत्तर भारत का अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा, इस विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए योगी सरकार और गोरखपुर के नाम एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हो जाएगी। कैंपियरगंज में जटायु संरक्षण केंद्र के पास 125 एकड़ भूमि पर प्रदेश के पहले वानिकी विश्वविद्यालय का निर्माण होगा। वानिकी विश्वविद्यालय से पूर्व गोरखपुर में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय अस्तित्व में हैं। गोरखपुर वन प्रभाग में स्थापित होने वाला वानिकी विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे उत्तर भारत का अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा। यही नहीं, यह देश का दूसरा और पूरी दुनिया का चौथा वानिकी विश्वविद्यालय होगा। देश की पहली और दुनिया की तीसरी फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी तेलंगाना में है, जहां वानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाया गया है। देहरादून में 1906 में स्थापित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में है। गोरखपुर वन प्रभाग में स्थापित होने वाला वानिकी विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे उत्तर भारत का अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा। यही नहीं यह देश का दूसरा और पूरी दुनिया का चौथा वानिकी विश्वविद्यालय होगा, देश की पहली और दुनिया की तीसरी फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी तेलंगाना में है जहां वानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाया गया हैण् देहरादून में 1906 में स्थापित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में है।
योगी सरकार का ऐलान, 50 करोड़ रुपए मंजूर
गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव ने कहा कि वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने के साथ ही यहां चलने वाले पाठ्यक्रमों का ड्राफ्ट भी तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए टेक्निकल एक्सपर्ट की कमेटी बना दी गई है। वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने के साथ ही यहां चलने वाले पाठ्यक्रमों का ड्राफ्ट भी तैयार कराया जा रहा है इसके लिए टेक्निकल एक्सपर्ट की कमेटी बना दी गई है, इस विश्वविद्यालय में वानिकी के अलावा कृषि वानिकी, सामाजिक वानिकी और औद्यानिक के भी डिग्री और डिप्लोमा कोर्स संचालित कराने की योजना है ताकि बड़ी संख्या में युवाओं के सामने नौकरी और रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध हो सकें। विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गोरखपुर वन प्रभाग ने जटायु संरक्षण केंद्र के समीप ही 50 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर रखी है, वन क्षेत्र की इस जमीन को वानिकी विश्वविद्यालय के नाम दर्ज किया जाएगा और वनक्षेत्र आच्छादन के लिए प्रशासन इसके बदले अन्यत्र जमीन उपलब्ध करा रहा है।