यूपी के इस जिले में बनेगा आधुनिक टर्मिनल, खर्च होंगे 1172 करोड़ रुपए

यूपी के इस जिले में बनेगा आधुनिक टर्मिनल, खर्च होंगे 1172 करोड़ रुपए
Modern Terminal

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का महायोगी गुरु गोरखनाथ एयरपोर्ट भी जल्द ही लखनऊ और वाराणसी जैसा बड़ा होने वाला है, गोरखपुर एयरपोर्ट का विस्तार कर 42 एकड़ जमीन पर नया टर्मिनल बनाया जा रहा है, जिसके बाद इस एयरपोर्ट एक की समय में कई उड़ानें संचालित हो सकेंगी।

गोरखपुर में भी बनेगा लखनऊ.वाराणसी जैसा बड़ा एयरपोर्ट

महायोगी गुरु गोरखनाथ गोरखपुर एयरपोर्ट का विस्तार तेजी से किया जा रहा है, जिससे अब एक साथ चार फ्लाइट उड़ान भर सकेंगी। यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसे ध्यान में रखते हुए नए टर्मिनल का निर्माण शुरू हो चुका है। भाजपा सरकार का बजट पेट भरे मध्यम वर्ग के तुष्टिकरण वाला है। जबकि सरकारों की असली चिंता करोड़ों परिवारों की दरिद्रता को दूर कर सुख-चौन पहुंचाने वाला होना चाहिए। ऐसा न होना चिंतनीय है। प्रदेश के शहर, गांव, क्षेत्र एवं समाज बुनियादी सुविधाओं के अभाव व अनेक विषमताओं से जूझ रहे हैं। नए टर्मिनल भवन के लिए वायु सेना ने प्रदेश सरकार को 42.5 एकड़ भूमि आवंटित कर दी है।वर्तमान में गोरखपुर एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और हैदराबाद के लिए रोजाना 10 उड़ानें होती हैं, लेकिन नया टर्मिनल भवन बनने के बाद यह संख्या बढ़कर 30 से अधिक हो जाएगी। एयरपोर्ट के विस्तार के तहत 42 एकड़ में नया टर्मिनल तैयार किया जा रहा हैण् इसके पूरा होने के बाद एक समय में करीब 800 यात्री यात्रा कर सकेंगे। फिलहाल, एयरपोर्ट पर एक समय में सिर्फ एक ही फ्लाइट उड़ान भर पाती है। प्रदेश सरकार ने 2025-26 के बजट में 1172 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक टर्मिनल भवन के निर्माण की घोषणा की है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पहले ही पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति मिल चुकी है। नए टर्मिनल के निर्माण से गोरखपुर की हवाई कनेक्टिविटी को नया आयाम मिलेगा। एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भवन 50,000 वर्ग मीटर (13 एकड़) में फैला होगा और इसमें एक घंटे में 2,500 यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी। इस अत्याधुनिक टर्मिनल में स्मार्ट चेक-इन काउंटर, सेल्फ-चेक-इन बूथ, हाई-स्पीड वाई-फाई, प्रीमियम वीआइपी सेक्शन, माडर्न लाउंज और उन्नत बैगेज हैंडलिंग सिस्टम जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं होंगी। इससे गोरखपुर के अलावा देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज,बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर जिले में जहां व्यापार, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।वहीं देश के प्रमुख शहरों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संभावनाएं भी खुलेंगी।

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बोइंग जैसे बड़े विमान भी उतरेंगे

गोरखपुर के औद्योगिक, धार्मिक और पर्यटन नगरी के रूप में विकसित होने के साथ.साथ पश्चिम बिहार के यात्रियों का भी दबाव यहां बढ़ रहा है, नए टर्मिनल से इन यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। नए टर्मिनल में पांच ऐरो ब्रिज बनाए जाएंगे, जिससे यात्री सीधे विमान तक पहुंच सकेंगे। सुरक्षा के लिहाज से यहां बायोमेट्रिक एंट्री सिस्टम, 24 घंटे सीसी कैमरे की निगरानी, डिजिटल इंफार्मेशन डिस्प्ले सिस्टम और स्मार्ट बैगेज स्कैनिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। एयरपोर्ट के एप्रन को भी अपग्रेड किया जाएगा, जिससे एक समय में 10 बड़े विमान पार्क किए जा सकें। टर्मिनल विस्तार का काम तेजी से चल रहा है और मार्च के आखिरी या अप्रैल के पहले सप्ताह से एक साथ चार फ्लाइट टेकऑफ और लैंडिंग कर सकेंगी। इससे यात्रियों को सफर में आसानी होगीं। अभी तक रनवे पर जगह की समस्या के कारण बोइंग और फ्लाइट्स एक साथ उड़ान नहीं भर पाती थीं, लेकिन एप्रेन एरिया के विस्तार के बाद यह संभव होगा, इससे एयरबस भी आसानी से लैंड कर सकेगी। गोरखपुर एयरपोर्ट से कुल 22 फ्लाइट्स ;अप और डाउन, का संचालन हो रहा है।  इनमें आकासा, स्पाइसजेट, इंडिगो और एलायंस एयर जैसी प्रमुख एयरलाइंस शामिल हैं।  वर्तमान में गोरखपुर से दिल्ली के लिए 5 उड़ानें, मुंबई के लिए 2, बेंगलुरु के लिए 2, हैदराबाद के लिए 1 और कोलकाता के लिए 1 फ्लाइट उपलब्ध हैं, जल्द ही पुणे और जम्मू के लिए भी उड़ानें शुरू होने की चर्चा है। एयरपोर्ट पर कैटेगरी.2 इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम ; की वजह से अब तक कोई भी फ्लाइट कैंसिल नहीं हुई है, अच्छी संचार व्यवस्था से यात्रियों को निर्बाध सेवा मिल रही है। गोरखपुर एयरपोर्ट से प्रतिदिन करीब 3000 यात्री यात्रा कर रहे हैं, एक समय था जब यहां से सिर्फ 2.3 फ्लाइट दिल्ली और मुंबई के लिए उड़ान भरती थीं, लेकिन अब यह संख्या 11 फ्लाइट्स तक पहुंच गई है। रनवे विस्तार के बाद अब 180 से 240 पैसेंजर क्षमता वाली एयरबस और 70 से 72 पैसेंजर क्षमता वाली फ्लाइट्स एक साथ उड़ान भर सकेंगी, इसके अलावा गोरखपुर से पुणे और जम्मू के लिए भी फ्लाइट शुरू करने की योजना पर विचार किया जा रहा है।  लोगों को जब सड़क, पानी, स्कूल, अस्पताल, रोजी-रोजगार के बेहतर व्यवस्था करने की मांग है तब उन्हें दूसरे सपने दिखाया जा रहा है। भाजपा सरकार से पहले यूपी बदहाल था का दावा उचित नहीं है। क्योंकि बसपा की सरकार में जनहित व जनकल्याण तथा अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में कानून द्वारा कानून का राज था। बसपा जिलाध्यक्ष ऋषि कपूर ने कहा कि यह बजट यदि व्यापक जनहित व जनकल्याण का होता तो बेहतर होता। इसमें महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन को दूर करने व आमजन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के प्रति पर्याप्त सरकारी नीति का अभाव है। इस बजट से सही विकास नामुमकिन है।

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