यूपी में अब लगेगा सुख सुविधा शुल्क, योगी सरकार इस तरह वसूलेगी शुल्क
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राज्य सरकार मेट्रो रेल लाइट मेट्रो रेल क्षेत्रीय त्वरित रेल त्वरित बस सेवा या फिर रोप-वे चलने वाले क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही जमीन की कीमतों को देखते हुए इन भूमियों पर व्यावसायिक भवन बनाने के लिए नक्शा पास कराने वालों से विशेष सुख.सुविधा शुल्क लेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।
विशेष सुख-सुविधा शुल्क लगाने के प्रस्ताव को स्वीकृति
सुविधाओं के लिए तेजी से विकास
राज्य सरकार कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए सिंचाई विभाग की आईआईटी से नौबस्ता तक पनचक्की चौराहा, फूलबाग में पार्किंग के लिए 12371 वर्ग मीटर भूमि, नरौरा चौराहा फूलबाग में एन्सिलरी भवन के लिए 1792.54 वर्ग मीटर भूमि मुफ्त देगी। कैबिनेट में लखनऊ, कानपुर, आगरा, गाजियाबाद व मेरठ सहित मेट्रो रेल, लाइट मेट्रो रेल, रोपवे व क्षेत्रीय त्वरित रेल (रैपिड रेल) वाले क्षेत्रों में व्यावसायिक भवन का मानचित्र स्वीकृत कराने पर विशेष सुख-सुविधा शुल्क लगाने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। आवास विभाग ने उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 में दी गई व्यवस्था के आधार पर उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (क्रय योग्य एफएआर शुल्क का निर्धारण व वसूली) नियमावली तैयार की थी। इस नियमावली को कैबिनेट से स्वीकृति मिल गई है। आवास विभाग ने पूर्व में एफएआर खरीदने का शासनादेश दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि नियमावली बनाने के बाद ही इसे लागू किया जा सकता है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने इन क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने के कारण विशेष सुख सुविधा शुल्क लेने का प्रस्ताव बनाया था। यह शुल्क व्यवसायिक नक्शा पास कराने वालों से विकास प्राधिकरण वसूलेंगे। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सरकार लोगों की सुविधाओं के लिए तेजी से विकास कर रही है। इसमें मेट्रो रेल से लेकर रोप.वे जैसी सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं। जिस क्षेत्र में ऐसे काम हो रहे हैं, उन क्षेत्रों में जमीन की कीमत में तेजी से इजाफा हो रहा है और वहां पर व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियां कर लोग इन सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। इसीलिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने विशेष सुख सुविधा शुल्क लेने का फैसला किया है। यह शुल्क व्यवसायिक नक्शा पास कराने वालों से विकास प्राधिकरणों द्वारा वसूला जाएगा।