यूपी में गाँवों के तरफ योगी सरकार का फोकस, मिलेंगे 27 हज़ार करोड़ रुपए

यूपी में गाँवों के तरफ योगी सरकार का फोकस, मिलेंगे 27 हज़ार करोड़ रुपए
UP budget

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बजट को सनातन संस्कृति की सर्वे भवन्तु सुखिन की अवधारणा के अनुरूप बताया और कहा कि ये बजट गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है।  

मिलेंगे 27 हजार करोड़, गांवों पर विशेष फोकस

उत्तर प्रदेश सरकार ने 8.10 लाख करोड़ रुपये का सबसे बड़ा बजट पेश किया। बजट के बाद अगले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है। सपा के विधायकों की तरफ से मुद्दे उठाए जाने पर सत्ता पक्ष की तरफ से जवाब दिया जा रहा है। इस बार बजट का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स, सामाजिक पेंशन, गरीब, युवा, किसान, धार्मिक पर्यटन और महिलाओं के उत्थान पर रहा। पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने की बड़ी व्यवस्था बजट में की गई है। वित्त वर्ष 2025-26 में स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को राज्य सरकार 27 हजार करोड़ रुपये देगी। इसमें वृद्धि भी हो सकती है। ये अबतक की सबसे बड़ी राशि है। इसमें सबसे ज्यादा पैसा ग्राम पंचायतों को दिया जाएगा। दूसरे नंबर पर नगर निगम हैं। नगर निगमों और पंचायती राज संस्थाओं को आगामी वित्त वर्ष में मिलने वाली राशि पिछले तीन वित्त वर्षों में सबसे ज्यादा होगी। वर्ष 2023-24 में जहां 23,713 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी, वहीं 24-25 में इसमें 287 करोड़ रुपये की वृद्धि कर 24 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया। वर्ष 2025-26 के लिए इसमें सीधे 3000 करोड़ रुपये ज्यादा बढ़ाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी ग्राम पंचायतों को 840 करोड़ और नगर निगमों को 810 करोड़ रुपये की हुई है। पिछले तीन वर्ष के अंदर हमने जो टार्गेट तय किए थे। उसे हमने सफलता से हासिल किया है। उसी का परिणाम है कि जब हमारी सरकार आई थी तब 12 लाख करोड़ की यूपी की इकॉनमी थी, इस वित्तीय वर्ष में वह साढ़े 27 लाख करोड़ की इकॉनमी बनकर उभरेगी। यह उन परिस्थितियों में हो रहा है, जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से गुजरी थी। मेरा मानना है कि यूपी में आज अच्छी ग्रोथ रेट है। योगी ने कहा कि हमने जो 10 सेक्टर बनाए हैं, उस सेक्टर में अवस्थापना और आद्योगिक विकास का एक सेक्टर भी है, इसके अलावा एमएसएमई, हथकरघा-वस्त्रोद्योग है, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल एविएशंस, पीडब्ल्यूडी और एनआरआई से संबधित विभाग इसमें रखे गए हैं। इनकी समीक्षा एपीसी के स्तर से होती है। दूसरा सेक्टर है जो कृषि औ उससे संबंधित विभाग जैसे उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, रेशम विभाग, पशुधन, डेयरी, फिशरीज, सिंचाई और जल संसाधन को भी इससे जोड़ा गया है।

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बजट में होंगे ये फायदे

भारत आज दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। 2027 में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनेगा इसमें कोई शक की बात नहीं है। हो सकता है कुछ लोगों को इसमें अच्छा नहीं लग रहा हो। क्योंकि जिनका अपना पर्सनल एजेंडा होता है वह देश के विकास को अच्छा नहीं मानेंगे। स्थानीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस काम किया जा रहा है। वहीं क्षतिपूर्ति के रूप में उन्हें अच्छी खासी राशि देने का प्रावधान भी किया गया है। यही योजना पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने के लिए भी तैयार की गई है। बजट में इसके लिए प्रावधान किए गए हैं। आगामी वित्त वर्ष के लिए नगर निगमों को 7290 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वहीं नगर पालिकाओं को 5670 करोड़ मिलेंगे। नगर पंचायतों को 3240 करोड़, जिला स्तरीय पंचायतों और ब्लॉक पंचायतों में से प्रत्येक को 1620-1620 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ग्राम पंचायतों के लिए सबसे ज्यादा 7560 करोड़ रुपये रखे गए हैं। ये धनराशि नगर निगमों के लिए प्रावधानित राशि से भी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश ने वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने की दिशा में 2022 से एक व्यवस्थित कार्ययोजना पर काम शुरू किया है। इसके अनुसार सरकार ने अपने कार्यक्रम को 10 सेक्टर में आगे बढ़ाया है। हर सेक्टर में कोई न कोई अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव का अधिकारी नियमित मॉनीटरिंग करता है। मासिक रूप से मंत्री द्वारा उसकी समीक्षा की जाती है। उसके कुछ पैरामीटर तय किए गए हैं। साथ ही सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से हर महीने समीक्षा और मैं खुद हर तीन महीने पर इसकी समीक्षा करता हूं।

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इस तरह समझिए आंकड़ों से 
विभाग                    वर्ष 2023-24           वर्ष 2024-25          वर्ष 2025-26
नगर निगम              6407 करोड़             6480 करोड़            7290 करोड़
नगर पालिका           4983 करोड़             5040 करोड़            5670 करोड़
नगर पंचायत            2847 करोड़             2880 करोड़            3240 करोड़
जिला परिषद            1421 करोड़             1440 करोड़             1620 करोड़
ब्लॉक पंचायत           1421 करोड़             1440 करोड़            1620 करोड़
ग्राम पंचायत             6631 करोड़             6720 करोड़            7560 करोड़
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