फिल यूज की मौत से केरल टीम को रंजी ट्रॉफी में फायदा, 74 साल में पहली बार फाइनल में पहुंची
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रंजी ट्रॉफी 2025 में केरल टीम ने इतिहास रच दिया है। 74 साल के इंतजार के बाद इस टीम ने पहली बार फाइनल में जगह बनाई है। दिलचस्प बात यह है कि इस जीत का कनेक्शन 2014 में हुए एक दर्दनाक हादसे से जुड़ा है, जब ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिल यूज की मौत क्रिकेट मैदान पर गेंद लगने से हुई थी। उस घटना के बाद बने नियमों का फायदा अब केरल टीम को मिला और उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में गुजरात को हराकर फाइनल का टिकट कटाया। आइए जानते हैं कैसे यह नियम केरल की ऐतिहासिक जीत का कारण बना।
2014 में फिल यूज की मौत सिर के पीछे गेंद लगने से हो गई थी। इस घटना के बाद आईसीसी ने क्रिकेट के नियमों में बदलाव किए और 2017 में एक नया नियम लागू किया गया, जिसके तहत हेलमेट से रिबाउंड होकर कैच को वैध माना गया। इसी नियम के चलते केरल टीम को रंजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में बड़ी जीत मिली।
केरल बनाम गुजरात: हाई-वोल्टेज सेमीफाइनल मुकाबला
रंजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में गुजरात और केरल की टीम आमने-सामने थीं। मैच के आखिरी पलों में गुजरात को जीत के लिए केवल तीन रन चाहिए थे, जबकि केरल को फाइनल में पहुंचने के लिए बस एक विकेट की जरूरत थी। तभी गुजरात के 10वें नंबर के बल्लेबाज अर्जन नगवासवाला ने एक स्लॉग स्वीप खेला, जो शॉर्ट लेग पर खड़े सलमान निजर के हेलमेट पर जा लगी।
हेलमेट पर गेंद लगने के बाद वह उछलकर पहली स्लिप में खड़े केरल के कप्तान सचिन बेबी के हाथों में चली गई और उन्होंने कैच पकड़ लिया। अंपायर ने नियमों की जांच के बाद बल्लेबाज को आउट करार दिया। इस तरह केरल ने यह मुकाबला जीतकर पहली बार रंजी ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश कर लिया।
फिल यूज की मौत के बाद बदला क्रिकेट का नियम
जब 2014 में फिल यूज की गेंद लगने से मौत हुई, तो क्रिकेट जगत में गम की लहर दौड़ गई थी। इसके बाद सुरक्षा के लिहाज से कई नियम बनाए गए। 2017 में एमसीसी (मेरिलबोन क्रिकेट क्लब) की सुझाव कमेटी, जिसमें रिकी पोंटिंग, कुमार संगकारा और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज शामिल थे, ने एक नया नियम जोड़ा। इसके तहत:
करीबी फील्डर जैसे शॉर्ट लेग, सिली पॉइंट, लेग स्लिप या शॉर्ट गली को अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनना होगा।
अगर हेलमेट से गेंद लगकर कैच होती है, तो उसे वैध माना जाएगा।
हेलमेट से गेंद लगकर स्टंप पर लगने से बल्लेबाज रन आउट या स्टंप आउट भी हो सकता है।
अगर यह नियम 2014 में हुए हादसे के बाद नहीं बनाए जाते, तो संभवतः केरल की टीम फाइनल में नहीं पहुंच पाती।
रंजी ट्रॉफी फाइनल: विदर्भ से होगी केरल की टक्कर
अब केरल का सामना फाइनल में विदर्भ से होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या केरल इस ऐतिहासिक मौके को जीत में बदल पाती है या नहीं। चाहे जो भी नतीजा हो, लेकिन यह साफ है कि क्रिकेट के नियमों में बदलाव का सीधा असर खेल पर पड़ता है और कभी-कभी यह इतिहास रचने में मदद भी करता है।