यूपी के इन शहरों को बनाया जाएगा स्मार्ट, 40 हज़ार करोड़ रुपए से बदलेगी सूरत
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यूपी सरकार ने हर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की कोशिश की है। प्रदेश को विकसित करने और स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार नए-नए उपाय कर रही है। योगी सरकार अब छोटे कस्बों और शहरों को विकसित करने के लिए कंवेंशन सेंटर बनाने पर जोर दे रही है। सरकार की पहल से उत्तर प्रदेश के छोटे शहर भी बड़े शहरों की तरह चमकेंगे।
स्मार्ट सिटी में होगें तब्दील
17 छोटे शहरों की चमकेगी किस्मत
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) बनाकर बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। इसमें छह जिले लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव को शामिल किया गया है। इससे प्रदेश में निवेश का बेहतर माहौल बनेगा और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। बजट में सरकार ने छोटे शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के संकल्प को दोहराया है। इसके लिए सरकार ने बजट में शहरी सुविधाओं के विकास पर 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि की व्यवस्था की है। सरकार का मानना है कि शहर ही प्रदेश के विकास के ग्रोथ इंजन हैं, इसलिए शहरों का विकास सरकार की प्राथमिकता में है। बजट में सरकार ने पहले चरण में जिला मुख्यालय वाले 50 नगर पालिका परिषद वाले शहरों को आदर्श स्मार्ट सिटी बनाने का एलान किया है। इसके लिए नगर विकास विभाग आदर्श स्मार्ट नगर निकाय के नाम से नई योजना शुरू करेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना एक के लिए 3150 करोड़ और प्रधानमंत्री आवास योजना दो के लिए 1731.89 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 4881.60 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है। सरकार सभी जरूरतमंदों को छत देने जा रही है। राज्य सरकार धार्मिक नगरी योजना के तहत अयोध्या में नगर निगम, विकास प्राधिकरण और संयुक्त नवीन भवन कार्यालय का निर्माण कराएगी। इसके लिए 28.88 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। आवास विभाग इसका निर्माण कराएगा। मेरठ, मथुरा-वृंदावन और कानपुर विकास प्राधिकरण बेहतर सुविधाएं देने के लिए 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। आगरा मेट्रो के लिए 59 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। केंद्रीय और राज्य सरकार दोनों ने 17 नगर निगमों को स्मार्ट सिटी घोषित करने की योजना बनाई है। वर्तमान में राज्य में 200 नगर पालिका परिषद हैं। नगर विकास विभाग चाहता है कि छोटे शहरों को बड़े शहरों की तरह सुविधाओं और आवश्यकताओं के लिए निवेश मिल सके और वहाँ के लोगों को रोजगार मिल सके। प्रदेश के पालिका परिषदों को सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए, नगर विकास विभाग का कहना है।