धोनी के रिटायरमेंट को लेकर बड़ी खबर, कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने बताई यह जरूरी बात

दिल्ली के खिलाफ जिस मैच का सबको इंतजार था, उसमें कुछ खास बात थी। इस मुकाबले को देखने खुद एमएस धोनी के माता-पिता स्टेडियम पहुंचे थे। फैंस की नजरें इस बात पर थीं कि क्या यह धोनी का आखिरी मुकाबला होगा। लेकिन नतीजा कुछ और ही कहानी बयां कर गया।
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धोनी और विजय शंकर ने अंतिम के नौ ओवर साथ खेले, लेकिन नतीजा सीएसके के पक्ष में नहीं रहा। सोशल मीडिया पर फैंस ने साफ तौर पर नाराजगी जताई। सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की रही कि धोनी 26 गेंदों पर केवल 30 रन ही बना सके। वहीं, विजय शंकर ने 69 रनों की शानदार पारी खेली, लेकिन वो भी जीत के लिए नाकाफी रही।
183 रनों का लक्ष्य था, और चेन्नई की पूरी टीम सिर्फ 158 रन ही बना पाई। यानी मुकाबला 25 रन से हार गई टीम। यही वो 25 रन हैं, जो धोनी अगर अपने 26 गेंदों पर बना लेते, तो शायद चेन्नई को हार का सामना न करना पड़ता। यहीं से सवाल उठने लगे – क्या धोनी अब इस टीम के लिए बैटिंग में बोझ बनते जा रहे हैं?
धोनी के आने से उम्मीदें बढ़ती हैं, लेकिन अगर टीम मैच न जीत सके तो ये उम्मीदें निराशा में बदल जाती हैं। कुछ एक्सपर्ट्स ने इस हार के लिए केवल धोनी को जिम्मेदार नहीं ठहराया, बल्कि टीम मैनेजमेंट की रणनीति पर भी सवाल खड़े किए। जडेजा, अश्विन जैसे ऑलराउंडर तो हैं, लेकिन क्या वे टी20 मुकाबले में 170-180 रन चेज करने लायक हैं? शायद नहीं।
चेन्नई के इस प्रदर्शन का असर पॉइंट्स टेबल पर भी साफ नजर आया। दिल्ली की टीम टॉप पर पहुंच गई, जबकि चेन्नई अब आठवें पायदान पर खिसक गई है। चार मैचों में सिर्फ एक जीत और उसके बाद लगातार तीन हार – ये किसी भी टीम के लिए खतरे की घंटी है। और जब टीम का नेतृत्व एक अनुभवी कप्तान के हाथ में हो, तब यह और भी बड़ा सवाल बन जाता है।
लेकिन सन्यास की चर्चा पर चेन्नई के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने स्थिति साफ की। उन्होंने कहा कि उन्हें धोनी के रिटायरमेंट को लेकर कोई जानकारी नहीं है और जिस तरह से धोनी फिट हैं और मैदान पर दिख रहे हैं, उनके हिसाब से धोनी फिलहाल रुकने वाले नहीं हैं। फ्लेमिंग ने कहा कि वो इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करना चाहते क्योंकि अभी इस पर बात करना जल्दबाजी होगी।
यानि धोनी अभी भी सीएसके के लिए खेलते नजर आएंगे, और उनके चाहने वालों को यह उम्मीद जरूर रहेगी कि माही का बल्ला एक बार फिर गरजे और टीम को जीत की पटरी पर वापस ले आए। लेकिन सवाल अब भी कायम है – क्या एमएस धोनी इस टीम को वापस सफलता की ओर ले जा पाएंगे?
चेन्नई की मौजूदा फॉर्म और रणनीति को देखते हुए कहा जा सकता है कि सिर्फ धोनी का अनुभव ही नहीं, बल्कि टीम के अन्य खिलाड़ियों को भी आगे आना होगा। विजय शंकर की फॉर्म एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन मिडिल ऑर्डर, बॉलिंग यूनिट और टॉप ऑर्डर में मजबूती जरूरी है।
धोनी पर सवाल उठाना आसान है, लेकिन टीम का परफॉर्मेंस एक सामूहिक प्रयास होता है। अगर टीम को आगे बढ़ना है, तो हर खिलाड़ी को जिम्मेदारी लेनी होगी। आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में सिर्फ नाम नहीं, प्रदर्शन चलता है। और अब समय है कि सीएसके प्रदर्शन से अपनी पहचान फिर से बनाए।
आने वाले मुकाबलों में चेन्नई के सामने कड़ी चुनौती है। पॉइंट्स टेबल में वापसी करनी है, फैंस की उम्मीदों को फिर से जगाना है और सबसे जरूरी – धोनी को उस अंदाज में विदाई देनी है, जो उनके करियर के लायक हो।