सिद्धार्थ एफपीसी कराएगा शकरकंद की उन्नत किस्म एसटी-14 की खेती

बस्ती के दो किसानों के खेत में रोपाई के लिए तैयार होंगी शकरकंद एसटी-14 की लता

सिद्धार्थ एफपीसी कराएगा शकरकंद की उन्नत किस्म एसटी-14 की खेती
shakarkand basti fpc

बृहस्पति पांडेय
बस्ती.
जनपद में किसानों उत्पाद के उचित मूल्य के लिए बनाये गए सिद्धार्थ एफपीसी तमाम प्रयास कर रही है इसी क्रम में  सिद्धार्थ प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा जनपद में शकरकंद की एक ख़ास किस्म की खेती की तैयारी की जा रही है जो अभी तक की प्रचलित किस्मो से हटकर कई खूबियों वाली है. एसटी-14 नाम की शकरकंद की इस किस्म को जल्द पैदावार देने के लिए तैयार किए गया हैं. इस किस्म के कंद रोपाई के लगभग 105 से 110 दिन बाद पककर तैयार हो जाते हैं. इस किस्म के कंद बाहर से हल्के पीले दिखाई देते हैं. और अंदर का गुदागूदा हल्का नारंगी यापीला दिखाई देता हैं. इस किस्म के पौधों का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 15 से 20 टन के बीच पाया जाता हैं.

शकरकंद के इस विशेष किस्म की खेती की शुरुआत अब बस्ती जिले के आबोहवा में भी होने जा रही है. जिसकी खरीददारी आन्ध्रप्रदेश के हैदराबाद बाद की एक कंपनी करेगी जो शकरकंद के इस विशेष किस्म से तमाम तरह केउत्पाद तैयार करती है. वर्तमान में शकरकंद के इस किस्म की डिमांड हजारो टन में है लेकिन मांग के सापेक्ष उत्पादन अभी बहुत कम है. ऐसे में बस्ती के किसानों द्वारा बनाये गए सिद्धार्थ एफपीसी से उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के टेक्निकल सपोर्ट यूनिट व बीएमजीएफ की टीम के जरिये हैदराबाद की इस कम्पनी नें संर्पक कर जिले में शकरकंद की उन्नत किस्म एसटी-14 की खेती कराये जाने की पहल की है.

सबसे पहले इस किस्म के पौधे जनपद के सदर ब्लाक के गौरा गाँव के रहनें वाले किसान राममूर्ति मिश्र वा रुधौली ब्लाक के पचारी कला गाँव के रहनें वाले किसान विजेंद्र बहादुर पाल के खेतो में तैयार किये जायेंगे. जहाँ से दूसरे किसानों को खेती के लिए तैयार पौधों की लताएँ रोपाई के लिए उपलब्ध कराई जायेंगी. शकरकंद के इस विशेष किस्म के नर्सरी की रोपाई इसी माह इन दोनों किसानों के खेतों में कर दी जायेगी जो सितम्बर माह के अंत तक रोपाई के लिए तैयार हो जायेंगी. जहाँ से दूसरे किसान लता की रोपाई अपने खेतों में कर सकेंगे.

यह भी पढ़ें: यूपी के ग्रामीणों में दहशत: रात के समय राप्ती नदी किनारे उड़ रहे ड्रोन, पुलिस ने बताया सर्वे का काम

सिद्धार्थ एफपीसी के निदेशक राममूर्ति मिश्र नें बताया की शकरकंद के इस विशेष किस्म की डिमांड काफी है जबकि उत्पादन बहुत कम है. इस लिए इस किस्म के खेती से किसानों की आय में काफी इजाफा होगा .चूँकि इसके खरीददारी के लिए हैदराबाद की कंपनी से जुड़ाव किया जा रहा है ऐसे में किसानों को मार्केटिंग में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पडेगा.

निदेशक विजेंद्र बहादुर पाल नें बताया की शकरकंद की यह किस्म पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा  वाली है जिसमें मिनरल्स, जिंक, फास्फोरस, विटामिन आदि अन्य किस्मों से ज्यादा पाई जाती है जो सेहत के नजरिये से भी बेहद ख़ास मानी जा सकती है.

On

About The Author

Bhartiya Basti Picture

Bhartiya Basti