Basti Encroachment News: बस्ती में नर्सिंग होम, होटलों के वाहन पार्किंग सड़क की पटरियों के हवाले

-भारतीय बस्ती संवाददाता- बस्ती. मालवीय रोड पर निजी अस्पतालों और होटलों की भरमार है. शहर का बाइपास कहे जाने वाले मालवीय रोड पर अपने हिसाब से अतिक्रमण करने में कोई पीछे नहीं दिख रहा है. बड़ों के आशीर्वाद तले चल रहे इन व्यवासायिक प्रतिष्ठानों ने शहर की जमीनों पर कब्जा जमा रखा है.
ब्राह्मण महासभा के पास मोटर पाटर््स की दुकानों ने तो अपने दुकानों के सामने सड़कों तक कार-जीप खड़े कर रखे है. जिससे दुर्घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है. इस रोड पर तमाम निजी विद्यालय भी चलते है. जिनमें पढ़ने वाले हजारों बच्चे रोजाना इसी मार्ग से आते-जाते है. ऐसे में दुर्घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है.
बादशाह टाकिज के सामने बने एक बड़े होटल ने तो बाकायदा अपना ट्रांसफार्मर सड़क के पटरी पर लगवाया हुआ है. जिस पर कभी जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ती. वहां होने वाले आयोजनों मे आने वाली गाड़ियों की वजह से रोजाना जाम की समस्या बनी रहती है.
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कमोबेश यही हाल रौता चौराहे का है. जहां सड़क की पटरियों पर कब्जा कर व्यवसाय चलाया जा रहा है. सवाल उठ रहा है की इन निजी अस्पतालों और होटलों द्वारा सड़क तक कब्जा करने पर प्रशासन कोई कार्रवाई क्यों नहीं करता है. नगर पालिका द्वारा भी इन अतिक्रमणकारियों पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती. जिससे इनके हौंसलों को पंख लगे रहते है. कभी कभार नोटिस देकर खानापूरी कर ली जाती है. अतिक्रमणकारी फिर से अपने पैर सड़कों तक पसार लेते है. मालवीय रोड पर चलना खतरों को दावत देने के समान माना जाता है.
सड़कों से सटाकर बिजली विभाग के लटकते जर्जर तार और उनके ट्रांसफार्मर कभी भी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकते है. नगर पालिका द्वारा तमाम लिखापढ़ी के बावजूद विभाग द्वारा अपने ट्रांसफार्मरों और विद्युत पोलों को नहीं हटाया गया. ऐसे में विभागीय शिथिलता कब भारी पड़ जाये, कुछ कहा नहीं जा सकता है. अस्त-व्यस्त शहर को चाक चौबंद बनाने के लिए तमाम कसमें खाई जाती है. मगर पद पाने के बाद जिम्मेदारों द्वारा इसे बस्ती के तौर पर छोड़ दिया जाता है. मजे की बात समस्या की बात तो सभी करते है. मगर समय और मौका मिलते ही कब्जा करने में कोई पीछे नहीं रहना चाहता.