यूपी में योगी सरकार बनाएगी नई नीति, इस तरह मिलेगा रोजगार
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प्रदेश सरकार ने महिलाओं और विशेष रूप से बेटियों के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है. इन योजनाओं का उद्देश्य बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है.
नई योजनाओं से नई उम्मीदें
योगी सरकार की ये योजनाएं बेटियों को सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. इन पहलों से न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. बल्कि प्रदेश की समग्र विकास दर में भी वृद्धि होगी. उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम बनने के बाद उससे होने वाली भर्तियों में आधी आबादी को वरीयता दी जाएगी. पारदर्शी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए भर्तियां होंगी. इन भर्तियों में विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ जिन लोगों की आय निम्न, उम्र अधिक और ग्रामीण क्षेत्र के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी.
इसके साथ ही निगम वन स्टॉप शॉप होगा जो समस्त विभागों, संस्थाओं, राज्य सरकार से अनुदान पाने वाली सभी संस्थाओं को आउटसोर्सिंग पर कार्मिक उपलब्ध कराएगा. सरकार की इस पहल से मनमानी तरीके से होने वाली भर्तियों पर रोक लगेगी. इसके साथ भर्तियों प्रक्रिया में पारदर्शी भी आएगी. ऐसें में इस मामले में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाई जाएगी तो संबंधित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश के सभी 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में एक.एक सूर्य सखी की तैनाती की जाएगी. इसके लिए लाखों महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा. जिससे उन्हें सतत रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. जहाँ कभी बेटियों की शिक्षा और भविष्य पर सवाल उठते थे. वहीं आज उनके लिए रोजगार, आत्मनिर्भरता और सम्मान की नई राहें खुल रही हैं. विशेष रूप से उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में योगी सरकार ने बेटियों को सशक्त बनाने की दिशा में जो प्रयास किए हैं. वे मिसाल बनते जा रहे हैं.
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बेटियाँ अब बोझ नहीं, भविष्य हैं
प्रदेश सरकार ने हाल ही में कई ऐसी योजनाएँ शुरू की हैं. जिनका सीधा लाभ बेटियों को मिल रहा है. इन योजनाओं का उद्देश्य बेटियों को केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रखना. बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना है. सीएम योगी के निर्देश पर भर्तियों की जो रूपरेखा तैयार की गई है, वह आउटसोर्सिंग की भर्तियों में मनमानी पर रोक लगाएगी. कार्मिकों का चयन मेरिट के आधार पर होगा. इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर और आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा. इस प्रक्रिया से संस्थाओं को आउटसोर्सिंग पर कार्मिक आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे. इसका सबसे बड़ा लाभ विधवा और तलाकशुदा महिला को मिलने वाला है.
निगम बनाने के लिए तैयार ड्राफ्ट में सभी महिला कर्मचारियों को वेतन के साथ 180 दिनों का मातृत्व अवकाश भी मिलेगा. लेकिन ये सुविधा दो बच्चे तक ही रहेगी. वहीं विधवा कार्मिक को 1000 से 2900 रुपये तक की आजीवन पेंशन दी जाएगी. फोर्थ ग्रेड की कार्मिकों की ऐसी बालिकाएं जो मेडिकल, एमटेक, आईआईटी, आईआईएम, पीएचडी के साथ यूपीएससी की परीक्षा में चयनित होंगी, उन्हें निगम के वेलफेयर फंड से एक लाख रुपये मिलेंगे. ये धनराशि छात्रों को एक बार ही मिलेगी. इस योजना के अंतर्गत बेटियों को वित्तीय साक्षरता दी जा रही है ताकि वे पैसे की समझ रखें. अपनी कमाई कर सकें और खुद के फैसले ले सकें. सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें लाखपति बनने का अवसर दिया जा रहा है. यह योजना बेटियों के लिए भी प्रेरणा बन रही है कि वे भी व्यवसाय या कुटीर उद्योगों के माध्यम से अपनी पहचान बना सकती हैं.