महाकुंभ को लेकर योगी सरकार छुपा रही यह सच्चाई !
Mahakumbh 2025
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में भगदड़ से लगभग 30 लोगों की मृत्यु हो गई है। सपा ने इस हादसे के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और सरकार से मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की है। वहीं सपा सांसद डिंपल यादव ने भी घटना पर दुख जाहिर किया है।
महाकुंभ भगदड़ पर राजनीति नहीं
सभी शवों को परिवारों को सौंपा जाए। बता दें अभी तक के दावों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन तीन जगहों पर भगदड़ मची थी हालांकि प्रशासन और राज्य सरकार ने अभी तक सिर्फ 1 की ही पुष्टि की है, जिसमें 30 लोगों के मारे जाने की सूचना है। सपा सांसद ने कहा कि प्रकृति इस अमानवीय व्यवहार को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. उनके घड़ियाली आंसू स्वीकार नहीं होंगे. बीजेपी सरकार में कोई मानवीयता नहीं बची है. अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए सपा सांसद ने लिखा कि जिस तरह से इन्होंने अपनी भूमिका निभाई वह शर्मनाक है. मानवता को कलंकित करने वाली इस घटना को कोई कभी भूल नहीं सकता। उन्होंने कहा कि मैं पीड़ितों से मिलने नहीं जाऊंगा। वरना बीजेपी के लोग राजनीति करने का आरोप हमपर लगाएंगे। हम किसी भी विषय पर राजनीति नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महाकुंभ में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। हमने पहले भी कहा था कि अगर व्यवस्था में कोई कमी रह गई है तो उसका पैसा भारत सरकार दे। केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि कितना सरकार ने सहयोग किया है।
अखिलेश बोले. पीड़ितों से नहीं मिलने जाऊंगा
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मुआवजा की राशि 25 लाख रुपये कम है, सरकार को और मदद करनी चाहिए। साथ ही जिन श्रद्धालुओं की मौत हुई है, उन सभी की सूची जारी होनी चाहिए। क्योंकि आशंका बहुत है। ये आशंका तभी दूर होगी जब सरकार पूरी लिस्ट जारी करेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी सरकार के भीतर दया और सहानुभूति नहीं बची है. प्रयागराज में कुंभ के दौरान 29 जनवरी को सीएम से हमें यह उम्मीद थी कि वह मृतकों के परिजनों के प्रति ईमानदारी प्रकट करेंगे और तत्काल सहायता होगी. इसकी जगह पूरा प्रशासन, इस सच्चाई को दबाने में लग गई कि 29 जनवरी को ही 2 जगहों पर भगदड़ हुई थी. एक संगम नोज और दूसरा झूंसी में. जिसकी वजह से कई और लोग मारे गए. शाम को अधिकारियों ने जानकारी दी।