नाकाबंदी के लिए बस्ती में बनेगा 145 पुलिस नाके
पशुओं की तस्करी को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में बैरिकेडिंग कराने का निर्देश साथ ही कहा कि पशु अत्याचार के मामले में जितनी भी प्राथमिकी दर्ज होती हैं, संबंधित थाना इसकी सूचना जिला पशुपालन पदाधिकारी को अवश्य दें, ताकि पशुओं के स्वास्थ्य की जांच हो सके।
पशु तस्करी रोकने के उपाय
पशुओं की अवैध तस्करी पर लगे प्रतिबंध
अत्याधुनिक संचार सेवाओं से लैस इन नाकों पर सूचना मिलते ही बैरियर गिरा दिए जाएंगे, ताकि संदिग्ध व्यक्ति या वाहन की चेकिंग की जा सके। डीआईजी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि जल्द ही बस्ती जिले के अलावा सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर जिले के अंतर्गत चिह्नित स्थान पर संसाधन मुहैया करा दिए जाएंगे। नाकों पर दो-दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे का भी प्रबंध होगा। सिद्धार्थनगर जनपद में सबसे अधिक 89 प्वाइंट तय किए गए हैं। जबकि बस्ती जनपद में 29 और संतकबीरनगर जिले में 27 स्थानों पर स्थायी नाकाबंदी की व्यवस्था होगी। तीनों जनपदों की भौगोलिक स्थिति के आधार पर इन स्थलों का चयन किया गया है। अवैध तस्करी के पीछे क्षेत्र के नामी लोगों को हाथ बताया जा रहा है। लोगों की मांग की है कि पशुओं पर टैग व पंचिंग द्वारा पहचान पंजीकरण किया गया था। उस से कुछ दिन के लिए तो आवारा पशुओं से निजात मिल गई थी। क्षेत्र में आवारा पशुओं की संख्या बढ़ने से बड़ी आसानी से लोग तस्करी में जुटे हुए हैं। चोरी छिपे आवारा पशुओं पर हो रहे अत्याचार को रोका जाए। क्षेत्र में नाके लगाकर छानबीन कर पशुओं की तस्करी में लिप्त लोगों पर शिकंजा कसा जाए।