योगी सरकार ने दिया हाईएजुकेशन स्टाफ को तोहफा, अब मिलेगी पुरानी पेंशन का लाभ
आदेश और प्रक्रिया
विशेष सचिव उच्च शिक्षा गिरिजेश त्यागी ने आदेश जारी करते हुए उच्च शिक्षा निदेशक प्रयागराज को आदेश दिए हैं कि 154 शिक्षकों और कर्मचारियों से संबंधित सभी दस्तावेजों की सत्यता और प्रमाणिकता का पूरी तरह से पुनः परीक्षण किया जाए. यह जांच वित्त विभाग के नियमों और शासनादेशों के अनुसार की जाएगी.
साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि तदर्थ, संविदा, चार्ज, दैनिक वेतन, सीजनल सेवाओं या मृतक आश्रित के रूप में कार्यरत कर्मचारियों पर यह आदेश लागू नहीं रहेगा.
योगी सरकार का शिक्षकों के प्रति समर्पण
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि सरकार शिक्षकों के सम्मान, उनकी सामाजिक सुरक्षा और भविष्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज की बौद्धिक नींव हैं और उनके भविष्य को सुरक्षित रखना सरकार की जिम्मेदारी है.
निर्णय से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
- 154 उच्च शिक्षा कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाएगा.
- सभी अभिलेखों का पुनः सत्यापन अनिवार्य है.
- वित्त विभाग के नियमों और कार्यालय-ज्ञापों का पालन किया जाएगा.
- कुछ विशेष श्रेणियों जैसे तदर्थ, संविदा या मृतक आश्रित कर्मियों के लिए यह योजना लागू नहीं.
क्यों है यह कदम महत्वपूर्ण
इस कदम से उत्तर प्रदेश के शिक्षकों और उच्च शिक्षा कर्मियों को लंबे समय से इंतजार का फल मिलने वाला है. पुरानी पेंशन योजना उनके रिटायरमेंट के समय वित्तीय सुरक्षा देती है, साथ ही उन्हें आत्मसम्मान और सामाजिक सुरक्षा का भरोसा भी प्रदान करती है.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।