योगी सरकार ने बांटे 45 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड, जाने बनवाए कैसे
गांवों में संपत्ति को लेकर विवादों में कमी आई- योगी
यदि आप ग्रामीण क्षेत्र से हैं और आप घरौनी प्रमाण-पत्र ऑनलाइन डाउनलोड करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना या घरौनी योजना के तहत एसएमएस भेजा जाएगा। आपको इस एसएमएस को अच्छी तरह पढ़ना है। इस एसएमएस में एक लिंक भी दी गई होगी। इसे ओपन करके आप अपनी संपत्ति का घरौनी कार्ड आसानी से डाउनलोड कर सकेंगे।
गांवों में संपत्ति को लेकर विवादों में कमी आई- योगी
केंद्र सरकार की ओर से पीएम स्वामित्व योजना का संचालन देशभर में किया जा रहा है। इसके तहत लोगों को उनके आवास का मालिकाना हक प्रदान किया गया है। इसी तर्ज पर यूपी सरकार की ओर से घरौनी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत हर मकान का यूनिक आईडी नंबर दर्ज होगा। यह आईडी नंबर 13 अंकों का होगा। इसमें पहले छह अंक गांव के कोड को दर्शाएंगे। वहीं अगले पांच अंक आबादी के प्लॉट नंबर को दर्शाएंगे एवं आखिरी के दो अंक उसके संभावित विभाजन को दर्शाएंगे। इस यूनिक आईडी को प्राप्त करके ग्रामीण अपने मकान का मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत आपको बकायदा प्रमाण.पत्र दिया जाएगा जो यह बताएगा कि अमुक मकान आपका है और आप ही इसके असली हकदार या मालिक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत देश के विभिन्न राज्यों में संपत्ति मालिकों को जो संपत्ति कार्ड बांटे उनमें उत्तर प्रदेश में 45 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड (घरौनियों) का वितरण किया गया। एक सरकारी बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50,000 से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड (घरौनी) वितरित किए। घरौनी योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे प्रदेश के भू.माफियाओं पर लगाम लगेगी और ग्रामीणों की जमीन पर कोई कब्जा भी नहीं कर पाएगा। अक्सर देखा गया है कि गांवों में जमीनी विवाद के चलते लड़ाई-झगड़े की घटनाएं होती हैं, लेकिन इस योजना से इन जमीनी विवादों पर लगाम लगेगी और जमीन के मालिक को अपना मालिकाना हक मिल सकेगा। यह योजना ऑनलाइन है। आप स्वयं भू.स्वामित्व प्रमाण.पत्र ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
स्वामित्व योजना से गांव और गरीब होंगे सशक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को स्वामित्व योजना की शुरुआत की, जो ग्रामीण भूमि प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक बनी. इस योजना के तहत, उन्नत ड्रोन तकनीक का उपयोग करते हुए अब तक 3.17 लाख से अधिक गांवों का सटीक मानचित्रण किया गया है. इसमें 67,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली ग्रामीण आवासीय भूमि शामिल है, जिसकी कुल अनुमानित मूल्य 132 लाख करोड़ रुपये है। आधिकारिक बयान में सीएम योगी के हवाले से कहा गया कि देशभर में दो करोड़ 23 लाख से अधिक घरौनियां बनायी गयी हैं, जबकि अकेले उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 50 हजार से अधिक घरौनियां बनायी गयीं. इनमें से 37 हजार से अधिक गांव की 55 लाख 14 हजार से अधिक घरौनियों को पहले ही वितरण किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि शनिवार को 29 हजार से अधिक गांव की 45 लाख 35 हजार से अधिक घरौनियों का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा, “इससे गांवों में संपत्ति को लेकर होने वाले विवादों में कमी आयी है. पहले दबंग लोग कमजोर व्यक्ति की जमीन पर कब्जा कर लेता था, लेकिन पहली बार तकनीक का उपयोग करते हुए ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से गांवों में घरौनी (कानूनी दस्तावेज) के जरिये घर का मालिकाना हक दिया जा रहा है, जिसे अब कोई भी दबंग नहीं छीन सकेगा। संपत्ति कार्ड सरकार की एक पहल है, जिसके तहत ग्रामीण और शहरी संपत्तियों का डिजिटलीकरण और रिकॉर्ड प्रबंधन किया जाता है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘स्वामित्व योजना’ का हिस्सा है। संपत्ति कार्ड एक दस्तावेज है जो आपकी संपत्ति (जमीन, मकान आदि) पर आपके स्वामित्व का प्रमाण देता है. इसे एक कानूनी दस्तावेज माना जाता है. यह कार्ड यह सुनिश्चित करता है कि जिस संपत्ति पर आपका नाम दर्ज है, वह आपकी है, और किसी प्रकार का विवाद होने पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इस कार्ड का उपयोग संपत्ति पर ऋण लेने के लिए किया जा सकता है, क्योंकि यह एक मान्य संपत्ति दस्तावेज होता है।