यूपी में किस तर देख सकेंगे घरौनी?, परिवार के हर सदस्य की जानकारी होगी शामिल !
योगी सरकार की योजना से लोगों को मिलेगा जबरदस्त फायदा
यह घर आपका है, इसका दस्तावेज बनेगी 'घरौनी'। जिस तरह कृषि भूमि के मालिकाना हक का दस्तावेज खतौनी होती है, उसकी तरह अब घरों के दस्तावेज के रूप में घरौनी होगी। अब ग्रामीणों के पास अपने घर के मालिकाना हक का दस्तावेज रहेगा। सभी तहसीलों में 50 हजार 467 लाभार्थियों की घरौनी तैयार हो गई है।
योगी सरकार की योजना से लोगों को मिलेगा जबरदस्त फायदा
स्वामित्व योजना के तहत गांवों में ड्रोन सर्वे कर घर चिह्नित किए गए। इसके बाद इनका मालिकाना हक तैयार किया गया है। घरों के मालिकाना हक का कानूनी दस्तावेज नहीं था। अब घरौनी के रूप में घर के मालिकाना हक का दस्तावेज रहेगा। गांवों में घरों के मालिकाना हक का दस्तावेज न होने के कारण विवादों के निस्तारण में दिक्कत आती थी, अब ऐसा नहीं होगा। घरों पर बैंक से कर्ज लेने की सुविधा रहेगी। ग्राम पंचायतों को घरों पर कर निर्धारण का अधिकार रहेगा, इससे राजस्व बढ़ेगा। घरौनी निर्माण से ग्रामीणों को अपनी संपत्ति का कानूनी दस्तावेज तो मिल ही रहा है, बहुत से विवाद भी समझौते से समाप्त हो रहे हैं। सामान्य मामलों में सर्वे और पंचायत की बैठक के बाद घरौनी बन जाती है, जबकि आपत्ति के मामले में संबंधित अधिकारी हल निकालते हैं। समझौता होने के बाद घरौनी बना दी जाती है। इसके लिए राजस्व विभाग ने सभी डीएम को प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। घरौनी निर्माण से ग्रामीणों को अपनी संपत्ति का कानूनी दस्तावेज तो मिल ही रहा है, बहुत से विवाद भी समझौते से समाप्त हो रहे हैं। सामान्य मामलों में सर्वे और पंचायत की बैठक के बाद घरौनी बन जाती है, जबकि आपत्ति के मामले में संबंधित अधिकारी हल निकालते हैं। समझौता होने के बाद घरौनी बना दी जाती है। इसके लिए राजस्व विभाग ने सभी डीएम को प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
डिजिटल सिस्टम से मिलेगा ग्रामीणों को मकान का स्वामित्व पत्र
पीएम स्वामित्व योजना की तर्ज पर यूपी में शुरू की गई घरौनी योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाना है। इसके तहत उन्हें घरौनी प्रमाण-पत्र या घरौनी कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। इसमें लोगों के पुस्तैनी मकानों या उनके जमीन के ब्यौरे के प्रमाण-पत्र को घरौनी कहा गया है। घरौनी को आवासीय अभिलेख या प्रॉपर्टी कार्ड भी कहा जा सकता है। आप इसे इस तरह से समझ सकते हैं जैसे खेत की जमीन का लेखा-जोखा खतौनी में होता है, ठीक उसी प्रकार घर की जमीन का लेखा-जोखा घरौनी में किया गया है। इस तरह ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों के खेत व मकान का लेखा-जोखा सरकार के पास रहेगा। यदि आप चाहे तो इसे डाउनलोड करके ऑनलाइन भी देख सकते हैं। इस तरह आप अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन देख सकेंगे। घरौनी तैयार करने के लिए सबसे पहले ड्रोन से सर्वेक्षण कराया जाता है। इसकी रिपोर्ट संबंधित गांवों में सार्वजनिक की जाती है और गांव समिति में मामला रखा जाता है। उस पर लोग आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। यदि कोई आपत्ति आती है तो राजस्व विभाग के अधिकारी जांच करने के बाद उसका निस्तारण करते हैं। निस्तारण के बाद घरौनी बनाई जाती है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि घरौनी बनने के बाद ग्रामीणों को सबसे बड़ा लाभ बैंकों से ऋण लेने में होगा। परिवार के मुखिया सहित अन्य सदस्यों की भी जानकारी घरौनी में दर्ज कराई जा सकती है। इसके तैयार होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों के बंटवारे के तमाम विवाद समाप्त हो जाएंगे। वहीं, हर घर का नक्शा व सही क्षेत्रफल की जानकारी भी विभाग के पास उपलब्ध रहेगी।