यूपी में इस रेलवे स्टेशन पर चलेगा काम, लाखों यात्री नहीं कर पाएंगे सफर
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गोरखपुर जंक्शन पर 22 दिन सिर्फ 2 प्लेटफार्म रहेंगे चालू
गोरखपुर जंक्शन पर विभिन्न प्लेटफार्मों के मरम्मत और नवीनीकरण के लिए यह काम किया जा रहा है. रेलवे द्वारा दिए गए जानकारी के अनुसार इन प्लेटफार्मों पर फर्श की मरम्मत. नई पेंटिंग. जलनिकासी प्रणाली का सुधार और अन्य बुनियादी ढांचे के कार्य किए जाएंगे. इन सुधारों का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा अनुभव प्रदान करना है. लेकिन इस दौरान केवल 2 प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया जाएगा. जिससे ट्रेन संचालन में कई बदलाव हो सकते हैं. 12 अप्रैल से 2 मई तक गोरखपुर जंक्शन पर कर्फ्यू जैसा माहौल रहेगा. इस दौरान आठ प्लेटफॉर्म बंद कर दिए जाएंगे. सिर्फ दो प्लेटफॉर्मों से ट्रेनों का संचलन होगा. प्लेटफॉर्म नंबर-1 से बस्ती-लखनऊ की ओर जबकि प्लेटफॉर्म नंबर-3 से बिहार और वाराणसी रूट की ट्रेनों का संचलन होगा. नॉन इंटरलॉकिंग काम के लिए मेगा ब्लॉक के चलते 22 दिन तक 122 ट्रेनें निरस्त रहेंगी. दिन में कुछ चुनिंदा ट्रेनें ही चलाई जाएंगी,
122 ट्रेनें रद्द, 11 लाख यात्री नहीं कर पाएंगे सफर
गोरखपुर जंक्शन पर सीमित प्लेटफार्म होने के कारण ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान के समय प्लेटफार्मों पर अधिक भीड़ हो सकती है. एनईआर के ट्रेन निरस्तीकरण शेड्यूल के अनुसार 12 अप्रैल से 26 अप्रैल तक प्री एनआई होगी उसके बाद 27 अप्रैल से 3 मई तक एनआई का काम किया जाएगा। इंटरलॉकिंग के बाद ट्रेनों का संचलन काफी सहज हो जाएगा. ट्रेनें बेवजह डोमिनगढ़ या कैंट में नहीं खड़ी रहेंगी ऐसा पहली बार होगा जब एक साथ 122 ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं और 28 का रूट बदल दिया गया है.
गोरखपुर जंक्शन से रोजाना औसतन 50 से 55 हजार यात्री अनारक्षित और आरक्षित बोगियों में यात्रा करते हैं। इनसे रोजाना करीब 70 लाख रुपये की आय है. पूर्वाेत्तर रेलवे 12 अप्रैल से अब तक सबसे बड़ा ब्लॉक लेने जा रहा है। ये ब्लॉक दो मई तक चलेगा. कुल 22 दिनों तक के इस ब्लॉक में गोरखपुर से और होकर जाने वाली रूटीन और स्पेशल मिलाकर 122 ट्रेनें निरस्त रहेंगी. इस ब्लॉक के दौरान गोरखपुर में यार्ड रिमॉडलिंग का काम किया जाएगा. इस दौरान गोरखधाम, वैशाली जैसी कुछ प्रमुख ट्रेनें छोड़ बाकी लगभग ज्यादातर गाड़ियां निरस्त रहेंगी. कुछ गाड़ियों को डायवर्ट तो कुछ को शार्ट टर्मिनेट भी किया गया है.