गोरखपुर से कश्मीर के लिए चलेगी ट्रेन! वैष्णो देवी जाने में भी होगी आसानी
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उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर के निवासियों के लिए कश्मीर के खूबसूरत दृश्यों का आनंद लेना अब और भी आसान हो जाएगा है। चिनाब नदी पर निर्मित रेलवे पुल को कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) से मंजूरी मिलने के पश्चात, पूर्वोत्तर रेलवे ने कश्मीर तक सीधी ट्रेन सेवा शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है। इस नई पहल के तहत, रेलवे की योजना है कि छपरा से कटरा तक चलने वाली टीओडी ट्रेन को कश्मीर तक विस्तार दिया जाए।
परिचालन विभाग ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे अब बोर्ड को भेज दिया गया है। यदि बोर्ड से मंजूरी मिल जाती है, तो गोरखपुर से श्रीनगर के बीच ट्रेन सेवा शुरू की जा सकेगी। मंजूरी मिलने के बाद, इस सेवा के लिए अंतिम समय सारणी भी तैयार की जाएगी। फिलहाल, गोरखपुर से जम्मू तक 2 ट्रेनें चल रही हैं। इनमें से एक ट्रेन गोरखपुर से जम्मू की ओर जाती है, जबकि दूसरी ट्रेन कामख्या से कटरा होते हुए गोरखपुर तक आती है।
गोरखपुर से जम्मू तक ट्रेन यात्रा में लगभग 22 से 23 घंटे का समय लगता है, जबकि जम्मू से श्रीनगर तक सड़क मार्ग से यात्रा करने में करीब 10 घंटे का समय लगता है। इस तरह, श्रीनगर पहुंचने के लिए कुल मिलाकर 35 घंटे का समय खर्च होता है। लेकिन यदि गोरखपुर से सीधे कश्मीर तक रेल सेवा शुरू हो जाती है, तो यह यात्रा समय काफी कम हो जाएगा। नई रेल सेवा के माध्यम से यात्री महज 26 से 27 घंटे में गोरखपुर से श्रीनगर पहुंच सकेंगे। इस रेल सेवा के शुरू होने से कश्मीर की खूबसूरत वादियों में पहुंचना पहले से कहीं अधिक आसान हो जाएगा।
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आधारभूत संरचना और यात्री सुविधाओं के सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत, ट्रेनों में कोचों की संख्या में वृद्धि की गई है। इसी दिशा में, 8 जोड़ी ट्रेनों के रेक को आधुनिक एलएचबी रेक से अपडेट किया गया है। इसके अतिरिक्त, 2024-25 के दौरान पूर्वोत्तर रेलवे ने 220 जोड़ी और 36 एकल यात्रा विशेष गाड़ियों का संचालन किया, जो कुल 3486 फेरों में चलायी गईं। यह कदम यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है और इससे यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
कई ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए 42 नए कोच स्थायी रूप से जोड़े गए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी गाड़ियों में 4 अतिरिक्त कोच जोड़े गए थे, जिससे यात्रा अनुभव को और बेहतर बनाया गया था। वहीं, 2024-25 के दौरान, 8 जोड़ी ट्रेनों में आधुनिक एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच शामिल किए गए हैं। ये कोच न केवल यात्रियों की सुरक्षा और आराम को बढ़ाते हैं, बल्कि यात्रा की गति को भी बेहतर बनाने में सहायक होते हैं।