UP में तेजी से बढ़ेगा शहरीकरण, 80 गांव को विकास प्लान में जोड़ा गया, डिजिटल सर्वे शुरू

UP में तेजी से बढ़ेगा शहरीकरण, 80 गांव को विकास प्लान में जोड़ा गया, डिजिटल सर्वे शुरू
UP में तेजी से बढ़ेगा शहरीकरण, 80 गांव को विकास प्लान में जोड़ा गया, डिजिटल सर्वे शुरू

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित कानपुर शहर के आसपास बसे उन गांवों में, जहाँ अब तक योजनाबद्ध विकास हल्का-सा ही पहुँचा था, अब परिवर्तन साफ नज़र आ रहा है. कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) ने नए शामिल 80 गांवों के लिए एक ऐसा मास्टर प्लान तैयार कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो पूरी तरह जीआईएस, यानी भौगोलिक सूचना प्रणाली पर आधारित होगा. यह तकनीक जमीन और इलाकों का सटीक डिजिटल नक्शा तैयार करने के साथ-साथ आने वाले वर्षों की ज़रूरतों को भी साफ-साफ दिखाती है.

डिजिटल नक्शे से बदलेगा विकास

इन गांवों के लिए तैयार होने वाला नया डिजिटल मैप यह बताएगा कि कहाँ सड़कें बन सकती हैं, कहाँ हरित क्षेत्र होगा, कहाँ अस्पताल, स्कूल और बाजार की जरूरत है. सरल भाषा में कहें तो गांवों की बढ़त अब अनुमान पर नहीं, बल्कि बिल्कुल सही और ज़मीनी आंकड़ों पर तय होगी.

शुरू हुई सलाहकार चुनने की प्रक्रिया

केडीए ने मास्टर प्लान बनाने के लिए विशेषज्ञ सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए ऑनलाइन आरएफपी (Request for Proposal) आमंत्रित की गई है.

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  • 29 नवंबर को शाम 3 बजे प्री-बिड बैठक होगी.
  • 18 दिसंबर तक कंपनियाँ अपनी ई-निविदा जमा करेंगी.
  • चुनी गई कंपनी को 52 सप्ताह में पूरा काम सौंपना होगा.

सलाहकार गांव-वार डेटा इकट्ठा करेगा, उसका विश्लेषण करेगा और फिर फाइनल बेस मैप तैयार करेगा, जिसके आधार पर पूरी योजना बनेगी.

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नए गांव शामिल

राज्य सरकार की मंजूरी के बाद केडीए क्षेत्र में 80 नए गांव जोड़े गए हैं. इनमें हरदौली, टीकर मघई, अमौर, कुन्दौली, लक्ष्मनखेड़ा, गोईनी, उमरी, रतनपुर, खरगपुर बिठूर जैसे कई गांव शामिल हैं. ये गांव कानपुर सदर, नरवल, बिल्हौर, अकबरपुर और मैथा तहसीलों में फैले हैं और कुल मिलाकर लगभग 202.55 वर्ग किमी क्षेत्र बनाते हैं.

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क्यों ज़रूरी है यह योजना?

जीआईएस आधारित मास्टर प्लान-2031 इन गांवों के लिए विकास की एक मजबूत, वैज्ञानिक और जमीन से जुड़ी रणनीति तैयार करेगा. इससे सड़क, आवास, औद्योगिक क्षेत्र, सार्वजनिक सुविधाएँ, जल-निकासी, हरित क्षेत्र जैसी सभी जरूरतों को पहले से तय किया जा सकेगा.

केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि “80 गांवों को जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान में शामिल करने से इन क्षेत्रों का विकास तेज़ और सरल होगा.”

दो हिस्सों में बनेगा मास्टर प्लान

  • भाग-ए: वह क्षेत्र जो पहले से अधिसूचित था और 2021 तक विकास सीमा में था.
  • भाग-बी: नए जुड़े 80 गांव, जिनके लिए अब अलग से जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार होगा.

कानपुर क्षेत्र की बड़ी तस्वीर

  • कानपुर नगर निगम की सीमा में 85 गांव.
  • नगर सीमा से बाहर लेकिन 8 किमी दायरे में 179 गांव.
  • 1983 में अधिसूचित अतिरिक्त 48 गांव.
  • उन्नाव के 29 और कानपुर देहात के 37 गांव भी व्यापक नियोजन क्षेत्र में दर्ज.

इस बड़े इलाके में विकास का दबाव लगातार बढ़ रहा है, जिसे व्यवस्थित करने के लिए यह जीआईएस आधारित योजना महत्वपूर्ण हो जाती है.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।