यूपी के इस जिले से बिहार जाना होगा आसान, पुल का निर्माण जल्द होगा पूरा

यूपी के इस जिले से बिहार जाना होगा आसान, पुल का निर्माण जल्द होगा पूरा
यूपी के इस जिले से बिहार जाना होगा आसान, पुल का निर्माण जल्द होगा पूरा

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित गाजीपुर के जमनिया इलाके में गंगा नदी के ऊपर खड़ा नया डबल-डेकर पुल अब पूरे क्षेत्र की पहचान बदलने को तैयार है. लंबे समय से इंतज़ार कर रहे लोग अब राहत की सांस ले रहे हैं, क्योंकि इस भव्य संरचना का मुख्य ढांचा लगभग तैयार हो चुका है. पुल के दोनों ओर बने फ्लाईओवर भी अपनी अंतिम तैयारी में हैं और काम अब फिनिशिंग स्टेज में पहुँच चुका है.

अंतिम चरण शुरू 

करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रहा यह शानदार प्रोजेक्ट अब बस कुछ तकनीकी जांच और छोटी-मोटी तैयारियों का इंतज़ार कर रहा है.

अधिकारियों ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि संरचना पूरी तरह खड़ी हो चुकी है, सिर्फ सुरक्षा परीक्षण और एप्रोच रोड बाकी है. जैसे ही यह दो काम पूरे होंगे, पुल रोज़मर्रा की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: यूपी में बन रही इस नई रेल लाइन से लाखों लोगों को होगा फायदा, स्टेशन का तेजी से हो रहा निर्माण

एप्रोच रोड क्यों ज़रूरी?

एप्रोच रोड वह रास्ता है जो पुल को दोनों तरफ की मुख्य सड़कों से जोड़ता है. पुल चाहे कितना भी तैयार क्यों न हो, जब तक यह जोड़ने वाली सड़क नहीं बनती, उस पर ट्रैफिक शुरू नहीं हो सकता. अब इस रोड का निर्माण NHAI के पास है और काम तेजी से बढ़ रहा है.

यह भी पढ़ें: यूपी के इस जिले को मिली दो नई ट्रेन, देखें रूट और टाइमिंग

पिलरों से बनी मज़बूती

पूरा फ्लाईओवर करीब 1.25 किलोमीटर लंबा है और इसे मजबूत बनाने के लिए 29 पिलर और 348 बेयरिंग्स लगाए गए हैं. इसका ऊपरी हिस्सा जहाँ रोड बनेगी लगभग 1050 मीटर लंबा है, दोनों तरफ के फ्लाईओवर 1025 मीटर फैले हुए हैं.

यह भी पढ़ें: UP में आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती, 06 दिसंबर तक ही कर सकेंगे आवेदन

पूर्वी यूपी और बिहार को सीधा फ़ायदा

पुल शुरू होते ही पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कई मार्ग छोटे हो जाएंगे. इससे माल ढुलाई में लगने वाली लागत घटेगी, किसानों और स्थानीय व्यापारियों को फायदा मिलेगा, और भारी वाहनों की आवाजाही भी सरल हो जाएगी.

इस पूरे प्रोजेक्ट से यह पुल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को पूरी तरह बदल देगा. रेल और सड़क दोनों ही रास्तों पर तेज़ और आसान यात्रा संभव होगी. व्यापार, कृषि, उद्योग और रोजगार—चारों क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा. यानी यह सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि पूर्वी यूपी और बिहार के विकास को नई दिशा देने वाला एक मजबूत कदम है.

लोगों की उम्मीदें बढ़ीं

जमानिया के रहने वाले अनंत प्रताप सिंह मानते हैं कि इस पुल से इलाके में नए रोजगार और व्यापार की संभावनाएँ बढ़ेंगी. बड़े ट्रकों और बसों की सुचारू आवाजाही से बाज़ारों में भी नई जान आएगी.

वहीं गुलाबचंद भारती का कहना है कि यह पुल गाजीपुर और बिहार के बीच की दूरी को काफी कम कर देगा. बस एप्रोच रोड बनने की देर है, फिर यह पूरा क्षेत्र नए विकास का केंद्र बन जाएगा.

रेल पहले, सड़क अब

यह पूरा प्रोजेक्ट साल 2016 में तारिघाट–मऊ रेल विस्तार योजना के अंतर्गत शुरू हुआ था. पुल का रेल वाला भाग 2023 में तैयार हो चुका था और मार्च 2024 से ट्रेनों ने इस पर दौड़ना भी शुरू कर दिया है. अब सड़क वाला हिस्सा भी लगभग तैयार है और जल्द ही आम वाहन भी इससे गुजर सकेंगे.

On

About The Author

Shobhit Pandey Picture

शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।