यूपी के इन 8 जिलों को मिलेगा मोदी सरकार की नई योजना लाभ, बड़ा ऐलान, जानें- क्या होगा?
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योजना का विवरण: मंत्रिमंडल द्वारा दी गई स्वीकृति का विवरण इस प्रकार है:
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना - IV वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के लिए शुरू की गई है. इस योजना का कुल परिव्यय 70,125 करोड़ रुपये है (केंद्र का हिस्सा 49,087.50 करोड़ रुपये और राज्यांश 21,037.50 करोड़ रुपये). इस योजना के तहत, जनगणना 2011 के अनुसार, मैदानी क्षेत्रों में 500+ आबादी वाली, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 250+, विशेष श्रेणी के क्षेत्रों (जनजाति अनुसूची V, आकांक्षी जिले/ब्लॉक, रेगिस्तानी क्षेत्र) और एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों में 100+ आबादी वाली 25,000 असंबद्ध बस्तियों को कवर किया जाएगा. इस योजना के तहत असंबद्ध बस्तियों को 62,500 किलोमीटर की आल वेदर रोड प्रदान की जाएंगी.
आल वेदर रोड के संरेखण के साथ आवश्यक पुलों का निर्माण भी किया जाएगा. लाभ: 25,000 असंबद्ध बस्तियों को आल वेदर रोड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी. आल वेदर रोड दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के आवश्यक सामाजिक-आर्थिक विकास और परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाएंगी. बस्तियों को जोड़ते समय, स्थानीय लोगों के लाभ के लिए, जहां तक संभव हो, पास के सरकारी शिक्षा, स्वास्थ्य, बाजार, विकास केंद्रों को आल वेदर रोड से जोड़ा जाएगा.
यूपी के वो 8 जिले जिनको मिलेगा फायदा
पीएमजीएसवाई - IV सड़क निर्माण के तहत अंतरराष्ट्रीय मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करेगा, जैसे कोल्ड मिक्स टेक्नोलॉजी और वेस्ट प्लास्टिक, पैनेल्ड सीमेंट कंक्रीट, सेल फिल्ड कंक्रीट, फुल डेप्थ रिक्लेमेशन, निर्माण अपशिष्ट और अन्य अपशिष्ट जैसे फ्लाई ऐश, स्टील स्लैग, आदि का उपयोग.
पीएमजीएसवाई - IV सड़क संरेखण योजना पीएम गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से की जाएगी. पीएम गति शक्ति पोर्टल पर योजना टूल्स डीपीआर तैयार करने में भी सहायता करेगा.
आकांक्षी जिलों की बात करें तो यूपी में कुल 8 जिले हैं. इसमें बहराइच, बलरामपुर, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र शामिल है.
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“विकास कुमार पिछले 20 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। उत्तर प्रदेश की राजनीति पर इनकी मजबूत पकड़ है, विधानसभा, प्रशासन और स्थानीय निकायों की गतिविधियों पर ये वर्षों से लगातार रिपोर्टिंग कर रहे हैं। विकास कुमार लंबे समय से भारतीय बस्ती से जुड़े हुए हैं और अपनी जमीनी समझ व राजनीतिक विश्लेषण के लिए पहचाने जाते हैं। राज्य की राजनीति पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक भरोसेमंद पत्रकार की पहचान देती है