यूपी के इन दो जिलों के बीच 27 साल बाद चलेगी ट्रेन !, लाखों लोगों को इन जिलों में आने में होगी आसानी
Uttar Pradesh News
टांडा बुनकरों की नगरी है। जिले का सबसे पुराना कस्बा है। इस पुराने नगर के विकास की रफ्तार बेहद मंद है। मंदी का कारण शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा है। उपेक्षा ने यात्री ट्रेन का परिचालन बंद करवा दिया था। इससे टांडा शहर का विकास थम गया है।
चार दशक बाद होगा शहर लेगा गति
जल्द ट्रेन चलने की उम्मीद
एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत जिले का कपड़ा उद्योग के लिए चयन किया गया है। दरअसल परिवहन बस या फिर निजी बस व अन्य वाहन से कपड़ा अकबरपुर तक ले जाने, इसके बाद उसे अन्य प्रांत तक बिक्री करने ले जाने से अधिक खर्च होता है। इससे लागत निकालना भी मुश्किल होता है। परिवहन की समुचित व्यवस्था न होने से ही पावरलूम एक-एक कर लगातार बंद हो रहे हैं। कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए टांडा से यात्री ट्रेन का संचालन अत्यंत जरूरी है। लगभग तीन दशक पहले टांडा से अकबरपुर के लिए संचालित यात्री ट्रेन का संचालन बंद हो गया है। लंबे समय से बुनकरों द्वारा यात्री ट्रेन का फिर संचालन किए जाने की मांग की जा रही है। इस बीच बीते दिनों ही सांसद लालजी वर्मा ने लोकसभा में न सिर्फ इसे लेकर आवाज उठाई, बल्कि रेलमंत्री को भी इस संबंध में पत्र लिखा है। सांसद के अनुसार केंद्रीय रेलमंत्री ने इस संबंध में सकारात्मक रवैया दिखाया है। उम्मीद है कि शीघ्र ही इसे लेकर सर्वे का काम भी शुरू हो जाएगा।