यूपी के इस टोल प्लाजा पर बूथ से पहले कट जाएगा टोल टैक्स
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उत्तर प्रदेश के एक शहर में यातायात को सुगम और तेज़ बनाने के लिए एक अनोखा मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस योजना के तहत, टोल प्लाजा पर वाहनों को रोके बिना ही टोल टैक्स काट लिया जाएगा। इस व्यवस्था में टोल प्लाजा पर बूथ से पहले ही वाहनों का टोल टैक्स कट जाएगा, जिससे वाहनों को रोकने की आवश्यकता नहीं होगी।
जाम से बचने के लिए मास्टर प्लान
यह न केवल यातायात को तेज़ बनाएगा, बल्कि टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ को भी कम करेगा। इस मास्टर प्लान के पीछे का उद्देश्य यातायात को सुगम और तेज़ बनाना है, ताकि लोगों का समय और ईंधन दोनों की बचत हो सके। यह योजना न केवल यातायात को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि शहर के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। गाजियाबाद को जोड़ने वाले छपरौला रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। इस पर वाहन भी दौड़ने लगे हैं। अब गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद जाने वाले लोगों को फाटक पर घंटों जाम में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। इसके अलावा यूपी के कई शहरों में भी जाना आसान हो जाएगा। इस ओवरब्रिज के बनने का लोगों को करीब 13 साल से इंतजार था। देश के भीड़भाड़ वाले शहरों को ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक योजना बनाई है। इसके तहत हाइवे निर्माण के साथ-साथ दिल्ली के सराय काले खां से गाजीपुर के बीच बने हाई स्पीड एक्सप्रेस.वे की तर्ज पर भी सड़कें बनाई जाएंगी। ऐसे रूट पर ना तो कोई रेडलाइट होगी और ना ही कोई कट होगा। एक बार इस हाई स्पीड कॉरिडोर में एंट्री करने के बाद ट्रैफिक इसके अंतिम या जरूरत के मुताबिक वाले छोर से ही बाहर निकलेगा। जाम से बचने के लिए रोजाना लाखों लोग शाहबेरी और दादरी से होकर निकलते थे, जिससे लोगों को अधिक दूरी तय करनी पड़ती थी। पहले जाम की समस्या होती थी इस रोड पर बड़े वाहनों का दबाव अधिक होने के कारण रोड पर जाम लग जाता था। ट्रेन नजदीक होने के कारण अधिकतर फाटक बंद रहते थे। जिससे जाम कई किलोमीटर तक लगा रहता था। लेकिन अब जाम की समस्या नहीं रहेगी।
इस योजना के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार
फाटक पर ओवरब्रिज बनने के बाद अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट से लोग सिकंदराबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ होते हुए गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर और जीटी रोड समेत कई शहरों में जा सकेंगे। अभी तक छपरौला रेलवे फाटक के कारण उन्हें घंटों फंसना पड़ता था। वहीं इस ओवरब्रिज के शुरू होने से छपरौला और उसके आसपास के गांव और रिहायशी सेक्टरों में रहने वाले करीब 6 लाख लोगों को अब जाम में नहीं फंसना पड़ना पड़ेगा। जानकारी मुताबिक, दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर छपरौला फाटक के पास आरओबी बनाने के लिए भारतीय रेलवे और प्रदेश सरकार के बीच 2012-13 में समझौता हुआ था। इस आरओबी को बनाने में करीब 84.43 करोड़ रुपए की लागत में से 38.25 करोड़ रुपए रेलवे को देने थे, जबकि 46.18 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार को वहन करना था। रेलवे ने वर्ष 2019 में ओवरब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया, जबकि पीडब्ल्यूडी की ओर से एप्रोच रोड नहीं बनाई गई। जिसके चलते काम रुक गया। करीब चार साल से अधूरे पड़े काम को पूरा करने के लिए रेलवे बोर्ड ने नई नीति बनाई। इसमें तय हुआ कि टू लेन रोड ओवरब्रिज का पूरा निर्माण रेलवे प्रशासन द्वारा कराया जाएगा। इसके तहत यहां की अड़चन दूर कर इस ओवरब्रिज पर वाहन दौड़ने लगे। हालांकि ओवरब्रिज पर अभी कुछ काम बाकी है, जिसे जल्द पूरा करने का दावा किया जा रहा है। टोल प्लाजा पर बूथ से पहले ही टोल टैक्स काटने की व्यवस्था की जाएगी, वाहनों को रोकने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे यातायात तेज़ होगा, टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ कम होगीए जिससे यातायात को सुगम बनाने में मदद मिलेगी, इस योजना से लोगों का समय और ईंधन दोनों की बचत होगी, यह योजना शहर के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, इस मास्टर प्लान को लागू करने के लिए शहर के अधिकारियों ने एक विशेष टीम का गठन किया है। यह टीम टोल प्लाजा पर आवश्यक व्यवस्था करने और इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए काम करेगी।