UP के इस जिले में सबसे ज्यादा हैं भिखारी, इनके पास है Pan Card, हर दिन होता है 63 लाख रुपये का कलेक्शन!
Uttar Pradesh
जिस भिखारी को आप गरीब, मजलूम, लाचार, लाचार समझकर भीख दे रहे हैं, हो सकता है वह आपसे ज्यादा अमीर हो. जी हां, आपने सही पढ़ा! उसके बैंक खाते में ज्यादा पैसे हैं और वह अच्छे घर में रह रहा है. लखनऊ में भिखारियों को पकड़ने के लिए चलाए गए अभियान और सर्वे में यह रोचक तथ्य सामने आया.
सर्वे के दौरान ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. सर्वे में पता चला कि भीख मांगकर सबसे ज्यादा कमाई महिलाएं कर रही हैं. छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगने वाली गर्भवती महिलाओं की रोजाना की कमाई 3,000 रुपये तक है. बुजुर्ग और बच्चे नौ सौ से लेकर डेढ़-दो हजार तक कमा रहे हैं. इसके अलावा खाना-पीना और कपड़े भी मुफ्त में मिल रहे हैं. इस आधार पर अफसरों ने हिसाब लगाया है कि अगर एक भिखारी की औसत कमाई 1200 रुपये प्रतिदिन मान ली जाए तो लखनऊ के लोग कुल भिखारियों को हर दिन 63 लाख रुपये से ज्यादा भीख बांट रहे हैं.
परियोजना अधिकारी के मुताबिक एक महिला भिखारी मिली, जिसके पहले से ही छह बच्चे हैं. वह इन दिनों फिर गर्भवती है. पूछने पर उसने बताया कि गर्भवती होने पर ज्यादा भीख मिलती है. इससे महीने की कमाई 80-90 हजार रुपये हो जाती है. यानी एक तरह से अब यह मजबूरी नहीं बल्कि पेशा बन गया है. डीडीए के परियोजना अधिकारी सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि वह भिखारियों के कारण ही काफी दिनों से भिखारियों के इलाके में हैं. कुछ ही लोग मजबूरी में भीख मांग रहे हैं. 10 प्रतिशत पेशेवर हैं, जो हरदोई, बाराबंकी, सीतापुर और रायबरेली से आते हैं.