यूपी में इस बस स्टैंड का होगा निर्माण, अगले इतने सालों के लिए होने जा रहा बंद
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित सिविल लाइंस रोडवेज बस अड्डा आगामी दो वर्षों के लिए बंद रहेगा. यह कदम बस अड्डे के पुनर्विकास के लिए उठाया गया है. जिसमें ₹320 करोड़ की लागत से आधुनिक सुविधाओं से लैस नया बस अड्डा बनाया जाएगा. इस परियोजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत ओमेक्स कंपनी द्वारा विकसित किया जा रहा है.
दो वर्ष के लिए बंद होगा सिविल लाइंस बस स्टेशन
सिविल लाइंस बस अड्डे का पुनर्विकास कार्य प्रारंभ होने की संभावना है. और इसे दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस पुनर्विकास से प्रयागराज शहरवासियों को एक आधुनिक और सुविधाजनक बस अड्डा प्राप्त होगा. जो यातायात की भीड़.भाड़ को कम करने और यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने में सहायक होगा. सिविल लाइंस रोडवेज बस अड्डा अब नए और आधुनिक रूप में दिखाई देगा. योगी सरकार ने इस बस अड्डे के पुनर्विकास का निर्णय लिया है. जिसकी समयसीमा दो वर्ष निर्धारित की गई है.
इस परियोजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत करोड़ो की लागत से विकसित किया जाएगा. सिविल लाइंस बस स्टेशन तकरीबन दो वर्ष के लिए बंद होना है. यहां से संचालित बसें कहां शिफ्ट की जाएं, उसके लिए स्थान की तलाश की जा रही है. चार-पांच स्थान चिह्नित किए गए हैं. जिला प्रशासन के माध्यम से ही आगे की कार्रवाई होगी. एमजी मार्ग में होने की वजह से वहां पहुंचना भी लोगों के लिए काफी आसान है, लेकिन केपी कॉलेज में खेलकूद से जुड़े आयोजन होते रहते हैं. इसके अलावा सीएवी कॉलेज मैदान और परेड मैदान को भी विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. इसी तरह तेलियरगंज स्थित प्रिंटिंग कॉलेज मैदान को भी बेहतर विकल्प माना जा रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन को ही कॉलेज प्रशासन से बात करनी होगी. वहीं रोडवेज के अफसर केपी कॉलेज मैदान को ज्यादा मुफीद मान रहे हैं.
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कंपनी नए सिरे से करेगी निर्माण
इस परियोजना के पूरा होने के बाद प्रयागराज को एक विश्वस्तरीय बस टर्मिनल मिलेगा. जिससे कुंभ जैसे बड़े आयोजनों और आम जनता दोनों को बेहतर यात्री अनुभव मिलेगा. सरकार का लक्ष्य है कि समयसीमा के भीतर यह काम पूरा हो जिससे शहर को जल्द नई पहचान मिले. सिविल लाइंस बस स्टेशन के बंद होने के साथ ही बसों का नया ठौर कहां होगा, उसे लेकर रोडवेज प्रशासन मंथन कर रहा है. महाकुंभ के दौरान नेहरू पार्क मैदान में अस्थायी बस स्टेशन बनाया गया था। वहां जगह भी काफी है, लेकिन वह सेना की जमीन है. दो वर्ष के लिए सेना अपनी जमीन रोडवेज को देगी या नहीं, यह अभी तय नहीं है.
सिविल लाइंस बस स्टेशन से वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, लखनऊ, अयोध्या, बरेली, हल्द्वानी, बस्ती, आगरा, मथुरा, कानपुर, झांसी और दिल्ली रूट की बसें संचालित होती हैं. शहर के बीच में होने की वजह से लोग आसानी से यहां पहुंच जाते हैं. अब दो वर्ष के लिए स्टेशन के बंद होने संचालित बसों का नया ठिकाना कहां होगा, उसकी तैयारियों में यूपी रोडवेज प्रशासन जुट गया है. शहर की धड़कन कहे जाने वाला सिविल लाइंस बस अड्डा पुनर्निर्माण के लिए दो वर्ष के लिए बंद होगा. माह भर के भीतर बस अड्डा बंद हो जाएगा. इस दौरान शहर में बसें कहां से चलेंगी, उसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. ओमेक्स कंपनी नए सिरे से बस स्टेशन का निर्माण करेगी. यह काम तभी शुरू होगा, जब यहां से संचालित बसें किसी और स्थान पर शिफ्ट की जाएं. शासन से भी यूपी रोडवेज प्रयागराज रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक को कहा गया है कि वह सिविल लाइंस बस स्टेशन कहां शिफ्ट हो सकता है, उसके लिए उपयुक्त स्थान का चयन जिला प्रशासन के माध्यम से करवाकर भेजें.