पहलगाम हमले के बाद पाक क्रिकेटर्स की बेशर्मी, सोशल मीडिया पर भारत को बनाया निशाना

पहलगाम हमले ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया है। देश गुस्से में है, हर जगह आक्रोश है। इस हमले ने कई मासूमों की जान ले ली और अब पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। जब पूरा देश शोक मना रहा है, क्रिकेट जगत के तमाम खिलाड़ी इस हमले की निंदा कर रहे हैं, दुख जता रहे हैं, वहीं पाकिस्तान के कुछ क्रिकेटर ऐसे भी हैं जिन्हें इस दर्द से कोई फर्क ही नहीं पड़ा। बल्कि उल्टा वो भारत को ही घेरने लगे हैं और सोशल मीडिया पर जहर उगलने लगे हैं।
तीन पाकिस्तानी क्रिकेटर — शाहिद अफरीदी, साजिद खान और फहीम अशरफ — इस समय चर्चा में हैं। इन तीनों ने पहलगाम हमले पर न सिर्फ गैरजिम्मेदाराना बयान दिए, बल्कि भारत पर ही सवाल खड़े कर दिए। इनकी बातों ने हर भारतीय को आहत किया है।

शाहिद अफरीदी, जो पहले भी भारत के खिलाफ कई बार विवादित बयान दे चुके हैं, इस बार भी अपनी आदत से मजबूर नजर आए। अफरीदी ने इस आतंकी हमले के बाद कहा कि भारत पहले सबूत दे कि पाकिस्तान इसके पीछे है। अफरीदी साहब शायद भूल रहे हैं कि पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद को कौन समर्थन देता है और किसकी जमीन से आतंकवाद पनपता है। ऐसे समय में जब दुख जताना चाहिए था, अफरीदी उल्टे सवाल उठा रहे हैं। उनकी ये बेशर्मी अब किसी से छिपी नहीं है।
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फहीम अशरफ का रवैया भी कुछ अलग नहीं रहा। फहीम ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए लिखा कि पाकिस्तान को मिटाने वाला कोई पैदा नहीं हुआ। इस बयान के बाद साफ हो गया कि पाकिस्तान के कुछ क्रिकेटर भी अपने नेताओं जैसी भाषा बोलने लगे हैं। दुख जताने के बजाय ये लोग नफरत फैला रहे हैं, जो बेहद शर्मनाक है।
जब पूरी दुनिया इस हमले की कड़ी निंदा कर रही है, तब पाकिस्तान के ये खिलाड़ी भारत से ही सबूत मांग रहे हैं। ये वही पाकिस्तान है जो हर आतंकी हमले के बाद पहले इनकार करता है और फिर जब सबूत सामने आते हैं तो चुप्पी साध लेता है। अफरीदी, साजिद और फहीम जैसे खिलाड़ी अपने बयानों से खुद को ही नीचा दिखा रहे हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब शाहिद अफरीदी ने भारत के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी की हो। वह कई बार कश्मीर मुद्दे पर भी भड़काऊ बातें कर चुके हैं। अब उनके साथ फहीम और साजिद भी शामिल हो गए हैं। लगता है कि पाकिस्तान का खेल का मैदान भी अब जहर से भरता जा रहा है।
भारतीय क्रिकेटर और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि भारत को अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने से इनकार कर देना चाहिए। गांगुली के इस बयान से भी पाकिस्तानी क्रिकेटरों को मिर्ची लग गई है, लेकिन सच यही है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाता, तब तक उसके साथ किसी भी तरह के खेल संबंध जारी रखना मुश्किल है।
भारत सरकार ने भी इस हमले के बाद कई बड़े फैसले लिए हैं। पाकिस्तान के साथ व्यापारिक समझौते रद्द कर दिए गए हैं और कूटनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। पाकिस्तान की कमर टूटनी शुरू हो गई है और बौखलाहट अब उनके खिलाड़ियों के बयानों में भी साफ नजर आ रही है।
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान के कुछ क्रिकेटर अपने देश की नाकामियों को छुपाने के लिए भारत पर ही आरोप लगा रहे हैं। जिस समय उन्हें इंसानियत दिखानी चाहिए थी, उस समय ये नफरत का जहर उगल रहे हैं। अगर ये लोग चुप रहते, तो शायद बेहतर होता। लेकिन जब इनके जैसे लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करते हैं, तो इससे माहौल और ज्यादा खराब हो जाता है।
भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन अपनी सुरक्षा और सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं करता। भारत ने पहले भी अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है और अब भी देगा। क्रिकेट एक खेल है जो लोगों को जोड़ने के लिए बना है, लेकिन जब खिलाड़ी ही नफरत फैलाएंगे तो खेल का भी अपमान होगा।
अब देखना होगा कि आने वाले समय में भारत इन पाकिस्तानी क्रिकेटरों के बयानों पर क्या जवाब देता है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर कैसे पाकिस्तान को बेनकाब करता है। लेकिन एक बात तय है — भारत चुप नहीं बैठेगा। देश का हर नागरिक इस हमले का बदला चाहता है और सरकार भी पूरी ताकत से इस दिशा में काम कर रही है।
आज पूरा भारत एकजुट है, दुख में भी, गुस्से में भी और अपने सम्मान के लिए लड़ने के लिए भी। शाहिद अफरीदी, साजिद खान और फहीम अशरफ जैसे लोगों की बातें भारत को और मजबूत बनाती हैं, क्योंकि हमें पता है कि हम सच के साथ हैं और सच हमेशा जीतता है।