यूपी के देवरिया सहित इन जिलों के गाँव के लोग नए साल पर होंगे करोड़पति!, बन रहा पूर्वांचल का सबसे बड़ा Expressway
उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित नया एक्सप्रेसवे पूर्वांचल क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास साबित होगा। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा, जिसकी लंबाई 519 किलोमीटर है। इस परियोजना से पूर्वांचल के आधा दर्जन जिलों को लाभ होगा, खासकर गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया के निवासियों को। इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से इन तीन जिलों के लोगों के लिए पश्चिम बंगाल तक पहुंचना काफी सरल हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्र की समृद्धि में इजाफा होगा।
खबरों के अनुसार, गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाला एक्सप्रेसवे देवरिया के 25 गांवों के बीच से होकर गुजरेगा। यह महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे गोरखपुर में जगदीशपुर से प्रारंभ होगा। इस परियोजना का कुल 84 किलोमीटर का हिस्सा गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जिलों में फैला होगा। जगदीशपुर से प्रारंभ होकर, यह एक्सप्रेसवे विभिन्न गांवों से होते हुए कुशीनगर तक पहुंचेगा, जिससे क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी और यातायात में सुगमता आएगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा और क्षेत्रीय संपर्क में सुधार होगा।
कुशीनगर के तमकुहीराज तहसील के गांवों से होकर एक नया एक्सप्रेसवे बिहार के गोपालगंज बार्डर में प्रवेश करेगा। इस परियोजना के तहत देवरिया में लगभग 150 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ग्रीनफील्ड होगा, जिसका मतलब है कि इसे नए सिरे से बनाया जाएगा, और इसका निर्माण आबादी वाले क्षेत्रों से दूर किया जाएगा। गोरखपुर और कुशीनगर के किन-किन गांवों से यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा, इस बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र की जा रही है। यह परियोजना क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यातायात को सुगम बनाने में मदद करेगी।
हाल ही में एक महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे परियोजना की योजना बनाई गई है, जो देवरिया के 25 गांवों सहित गोरखपुर और कुशीनगर के कुल 111 गांवों से होकर गुजरेगी। यह एक्सप्रेसवे क्षेत्र के विकास के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा और यातायात को सुगम बनाएगा। कुशीनगर जिले के तमकुहीराज क्षेत्र के 42 गांव, हाटा के 19 गांव और कसाया के 13 गांव इस परियोजना में सम्मिलित हैं।
इस परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है, और इसे ग्रीनफील्ड के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसका अर्थ है कि इसे नए सिरे से बनाया जाएगा। इससे क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी और लोगों की जीवनशैली में सुधार होगा।
एक नई एक्सप्रेसवे परियोजना की योजना बनाई गई है, जो क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस एक्सप्रेसवे में चौरी चौरा के 14 गांव और देवरिया सदर के 25 गांव शामिल किए गए हैं। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज सम्मिलित हैं। गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक फैला यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में लगभग 84.3 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। वहीं, बिहार में इसका विस्तार 416 किलोमीटर तक होगा, जबकि पश्चिम बंगाल में इसकी लंबाई 18.97 किलोमीटर है।
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच यात्रा करना अब और भी सरल और तेज हो जाएगा। मीडिया की रिपोर्ट्स की माने तो, इस एक्सप्रेसवे को भविष्य में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाने की योजना है। इससे दिल्ली पहुंचने का रास्ता भी सुगम हो जाएगा। इस विकास से क्षेत्र के लोगों को यात्रा में समय की बचत होगी और सड़क परिवहन की सुविधाएं बेहतर होंगी। यह परियोजना न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि व्यापारियों के लिए भी लाभकारी साबित होगी।