लखनऊ मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का होगा निर्माण, ट्रैफिक से मिलेगी राहत

उत्तर प्रदेश: राजधानी लखनऊ के मेट्रो नेटवर्क को और अधिक विस्तार देने वाली एक महत्वपूर्ण योजना को केंद्र सरकार के पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (PIB) की स्वीकृति मिल गई है. शहर के पूर्वी हिस्से चारबाग से लेकर पश्चिमी छोर वसंतकुंज तक कुल 12 किलोमीटर लंबे ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर को लेकर तैयार की गई डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को अब अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय कैबिनेट के पास भेजा गया है. यह परियोजना राजधानी लखनऊ की यातायात व्यवस्था में काफी परिवर्तन लाने जा रही है.
फेज-1 बी के अंतर्गत प्रस्तावित यह कॉरिडोर विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह लखनऊ के उन क्षेत्रों से होकर गुजरेगा जहां आज भी संकरी गलियों और भारी ट्रैफिक के कारण लोगों को नियमित रूप से परेशानी का सामना करना पड़ता है. अमीनाबाद, चौक, ठाकुरगंज जैसे इलाके जो शहर की पहचान हैं, अब सीधे मेट्रो सेवा से जुड़ेंगे. इसका अर्थ यह है कि अब यहां के निवासियों को भी तेज़, सुरक्षित और प्रदूषण-मुक्त यात्रा का विकल्प मिलेगा. इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी, जिसमें से लगभग 6.879 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड रहेगा, जबकि बाकी का 4.286 किलोमीटर एलिवेटेड ट्रैक पर निर्मित किया जाएगा. कुल 12 मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिनमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड होंगे. भूमिगत स्टेशनों में चारबाग, गौतम बुद्ध नगर, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा और चौक शामिल हैं. वहीं, एलिवेटेड स्टेशन होंगे – ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग और वसंतकुंज.
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि यह कॉरिडोर न सिर्फ लखनऊ के भौगोलिक विस्तार को बल देगा, बल्कि सांस्कृतिक और आधुनिक विकास के मध्य सेतु का कार्य करेगा. उन्होंने इसे शहर के लिए "बेहद अहम और गेम-चेंजर" बताया है. इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 5801 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है. मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य को तेज़ गति से प्रारंभ किया जाएगा. अनुमान है कि कॉरिडोर को पूरा होने में लगभग 4 से 5 वर्ष का समय लगेगा.
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ध्यान देने योग्य है कि ज़मीन पर कार्य शुरू होने से पहले ही आवश्यक तकनीकी सर्वेक्षण, डिजाइन और योजनाएं तैयार की जा चुकी हैं, जिससे निर्माण में देरी की संभावना काफी कम होगी. बढ़ते ट्रैफिक, बढ़ते प्रदूषण और समय की बर्बादी के इस युग में यह परियोजना लखनऊवासियों को राहत देने वाली है. वर्तमान में लखनऊ मेट्रो की सेवा सीसीएस एयरपोर्ट से लेकर मुंशीपुलिया के मध्य में 21 स्टेशनों पर संचालित हो रही है. ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के जुड़ जाने से यह नेटवर्क 35 किलोमीटर तक फैल जाएगा, जिससे अधिक से अधिक लोग मेट्रो के माध्यम से सुगम और स्मार्ट सफर कर पाएंगे. यह इंटरचेंज सुविधा भी देगा, जिससे चारबाग स्टेशन पर यात्री उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर से ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में आसानी से स्थानांतरित हो सकेंगे.