यूपी में इस जगह जल्द शुरू होगा फोरलेन का काम, भूमि अधिग्रहण का काम शुरू

उत्तर प्रदेश: यूपी में स्थित आजमगढ़ शहर में बढ़ते ट्रैफिक और जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. नगर क्षेत्र में स्थित बाईपास बंधे को फोरलेन में तब्दील करने की योजना अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. मंगलवार को इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. अनुमानित 70 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस फोरलेन मार्ग का निर्माण अगले एक महीने में शुरू होने की उम्मीद है.
आजमगढ़ में तेज़ी से बढ़ते वाहन और सीमित सड़कों की वजह से अक्सर नागरिकों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है. मुख्य बाजारों, स्कूल-कॉलेज और दफ्तरों के पास तो हालात और भी गंभीर हो जाते हैं. इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नगर के बाईपास मार्ग को चौड़ा कर फोरलेन बनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे यातायात का दबाव बंट सके और लोगों को सुगम यात्रा का अनुभव मिल सके. पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के अंतर्गत इस परियोजना को 2 चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में नरौली पुल से करतालपुर तिराहा तक की सड़क को 35 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन किया जाएगा. दूसरे चरण में करतालपुर से भंवरनाथ तक का विस्तार होगा, जिस पर फिर से 35 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस तरह कुल 70 करोड़ की लागत से पूरा फोरलेन तैयार होगा.
फोरलेन के निर्माण के लिए सड़क के दोनों ओर 15-15 मीटर भूमि की आवश्यकता होगी. इसके लिए राजस्व विभाग के अधिकारी सक्रिय हो चुके हैं और प्रभावित क्षेत्रों में भूमि का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है. सरकारी भूमि को छोड़कर यदि किसी किसान या नागरिक की निजी ज़मीन ली जाती है, तो उन्हें तयशुदा मुआवजा प्रदान किया जाएगा. प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी व्यक्ति को अन्याय न हो और सब कुछ पारदर्शी प्रक्रिया से हो. इस निर्माण के पूरा होते ही नरौली का संपर्क सीधे आजमगढ़-मऊ फोरलेन से जुड़ जाएगा. साथ ही भंवरनाथ के पास से यह सड़क वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन से भी मिल जाएगी, जिससे पूर्वांचल और नेपाल के लुंबिनी जैसे धार्मिक व पर्यटन स्थलों तक आवागमन अधिक आसान और तेज़ हो जाएगा. पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियर हरिश्चंद्र राय ने जानकारी दी कि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब संबंधित एजेंसियों से अनुबंधित बॉन्ड आदि भरवाने की प्रक्रिया जारी है. सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी कर ली जाएंगी और आशा है कि आने वाले 4 सप्ताह के भीतर निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा. यह परियोजना न केवल शहर की ट्रैफिक समस्या से मुक्ति दिलाएगा, बल्कि भविष्य में आजमगढ़ को विकसित करने में मदद करेगा.