यूपी के इन 59 शहरों में होगा नए तरह का डेवलपमेंट, देखें लिस्ट
.png)
उत्तर प्रदेश में हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 संपन्न हुआ है। लेकिन इसके फौरन बाद से ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने कुंभ से भी बड़ा अभियान अपने हाथ में ले लिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में सभी शहरों का दायरा बढ़ा है। समस्या ये है कि कई जगह बेतरतीब तरीके से शहर बढ़ रहे हैं।
यूपी के 59 शहरों में GIC बेस्ड डेवलपमेंट की तैयारी
कुछ की लिस्ट सामने आई, यहां चेक करिए
सरकार जीआईएस तकनीक का उपयोग करके हर शहर को वैज्ञानिक और डेटा.आधारित बनाएगी। इसके जरिये शहरों की सड़कों जल निकासी प्रणाली, ग्रीन स्पेस, ट्रैफिक मैनेजमेंट सार्वजनिक सुविधाओं और पर्यावरणीय मामलों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार होंगी। सरकार का मानना है कि इससे शहरी क्षेत्रों में जो बेतरतीब विकास हो रहा है उसे रोकने में मदद मिलेगी, साथ ही योजनाबद्ध तरीके से बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा। सड़कों, जल निकासी प्रणाली, ग्रीन स्पेस, ट्रैफिक मैनेजमेंट और सार्वजनिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जाएंगी। अनियंत्रित शहरीकरण पर रोक लगेगी और योजनाबद्ध तरीके से शहरों का विकास होगा, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू कर जाम और अनियंत्रित यातायात की समस्या को हल किया जाएगा, बारिश के पानी की निकासी और जलभराव से बचाव के लिए प्रभावी प्रणाली तैयार की जाएगी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को और अधिक सुविधाजनक बनाया जाएगा, पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए ग्रीन बेल्ट विकसित किए जाएंगे और नए पौधे लगाए जाएंगे। इस महायोजना के माध्यम से न केवल शहरों का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. निर्माण कार्य, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी आधारित सेवाओं से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा,आधारित योजना से शहरी विकास में पारदर्शिता आएगी. इससे सरकार को योजनाओं की सही निगरानी और समय-समय पर आवश्यक बदलाव करने में आसानी होगी. इसके अलावा, सटीक डेटा मिलने से योजनाओं को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा.