यूपी के इस जिले में बदल रही बस अड्डे की जगह, अब यहां से मिलेंगी बसें
UPSRTC
उत्तर प्रदेश में स्थित मऊ जिले में रोडवेज बस स्टेशन को शहर के बाहरी इलाके में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया अब तेजी पकड़ चुकी है. बीते 9 अक्टूबर को, परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव और सरकार के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसके पश्चात, इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए एआरएम और भूमि उपलब्ध कराने के लिए अपर जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया.
स्थानीय निवासियों के लिए यह बदलाव महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे बस सेवा की पहुंच और सुविधा में सुधार होगा. अधिकारियों का मानना है कि नए स्थान पर बस स्टेशन की स्थापना से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और शहर की यातायात भी सुगम होगी.
जनवरी में सरकार द्वारा लगभग सात एकड़ भूमि की खोज के लिए एक पत्र भेजा गया था. इस भूमि को निशुल्क उपलब्ध कराने की आवश्यकता है, जो प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. अभी के समय में, मऊ डिपो में 58 रोडवेज बसें संचालित हो रही हैं, और साथ ही गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, आजमगढ़, प्रयागराज के क्षेत्रों से प्रदेश के अन्य डिपो की 400 से अधिक बसें प्रत्येक दिन रोडवेज परिसर में रुकती हैं. इस स्थिति में, सरकार को भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है. प्रशासनिक स्तर पर इस चुनौती का समाधान निकालना आवश्यक होगा ताकि यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सके.
शहर के केंद्र में जगह की कमी के कारण शहरवासियों को प्रतिदिन ट्रैफिक की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इस स्थिति को और बढ़ावा तब मिलता है जब बस चालक रोडवेज परिसर के बाहर मुख्य सड़क पर यात्रियों को बैठाते हैं. इसके परिणामस्वरूप यातायात में और भी बाधा उत्पन्न होती है.
हालांकि, यदि फोरलेन के पास नया बस स्टेशन बन जाता है, तो बसें अपने निश्चित समय पर गंतव्य तक पहुंच सकेंगी. इससे न केवल बसों की समयबद्धता में सुधार होगा, बल्कि ऑटो, ई-रिक्शा और अन्य सवारी वाहनों की आय में भी वृद्धि होगी.
इस प्रकार, शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार लाने के लिए ये कदम अत्यंत आवश्यक हैं, ताकि शहरवासियों को जाम की समस्या से राहत मिल सके और यात्रा का अनुभव सुगम हो सके.
नगर के इमिलियाडीह क्षेत्र में फोरलेन के पास भूमि प्राप्त कराने के लिए जिला प्रशासन को सरकार से पत्र प्राप्त होने के बाद प्रस्ताव भेजा गया है. यह जानकारी मिली है कि जनवरी में भी इसी विषय पर एक पत्र भेजा गया था.
जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि "यदि जमीन समय पर मिल जाती है, तो संबंधित कार्य जल्द ही प्रारंभ हो जाएगा." इस कदम से न केवल यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी सहायता मिलेगी. सभी की नजरें अब इस परियोजना के कार्यान्वयन की ओर हैं.