बस्ती में सुर्तीहट्टा में गुफा वाली प्रतिमा के दर्शन बंद होने की असली वजह अब आई सामने!

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बस्ती में सुर्तीहट्टा में गुफा वाली प्रतिमा के दर्शन बंद होने की असली वजह अब आई सामने!
बस्ती में सुर्तीहट्टा में गुफा वाली प्रतिमा के दर्शन बंद होने की असली वजह अब आई सामने!

करीब सात दिन के बाद बुधवार की रात वैष्णो माता की प्राकृतिक गुफा को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया था। इसकी वजह दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई थी।

रात को इस गुफा के रास्ते दर्शन करने का अवसर मिल रहा था। मां वैष्णो देवी गुफा की यात्रा में बढ़ोतरी हो गई है। इसलिए तत्काल गुफा को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए प्रशासन ने बंद कर दिया था।

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मिली जानकारी के अनुसार बताया गया कि पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के सुर्ती हट्टा में दुर्गा पंडाल व गुफा बंद करने पर आयोजकों में असंतोष फैल गया। इसके विरोध में आयोजन समिति के सदस्यों व अन्य लोगों ने बुधवार की रात सड़क पर विरोध जताया। दुर्गा पूजा पंडाल व गुफा की लाइट बंद कर आयोजकों ने नारेबाजी भी की।

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शहर में सुर्ती हट्टा में भव्य मां वैष्णों का पंडाल व गुफा बनाया गया था। श्रद्धालुओं के लिए टिकट की व्यवस्था की गई थी। टिकट लेकर श्रद्धालु गुफा में घुमते हुए मां के दर्शन के लिए पहुंच रहे थे। मंगलवार को वहां काफी भीड़ पहुंच गई और अव्यवस्था फैल गई थी।

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आयोजकों का आरोप है कि पुरानी बस्ती पुलिस ने अपनी असफलता को छिपाने के लिए भीड़ के साथ बल प्रयोग किया। समिति के अध्यक्ष राघवेंद्र मिश्र उर्फ पट्टू ने बताया कि उन्होंने लिखकर देने के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। बाकी सदस्य क्या कर रहे हैं उनसे नहीं मतलब है।

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वहीं आयोजकों का कहना है कि देर रात को पंडाल खोलने की अनुमति मिली। इससे हजारों श्रद्धालु बिना दर्शन के लौट गए। उनके आस्था को ठेस पहुंची। पुलिस प्रशासन को चाहिए था कि समय से पहले व्यवस्था बनानी चाहिए थी। आयोजक व हिंदू संगठन देर शाम एडीएम प्रतिपाल चौहान से मिले। तमाम हस्ताक्षेप के बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे।

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जायजा लेने बाद पंडाल को पुन खोलने की अनुमति दी। अंतिम समय में अनुमति दी गई। इससे श्रद्धालु भ्रम में पड़ गए। सीओ सिटी सत्येंद्र भूषण त्रिपाठी ने बताया कि आयोजन समिति के अध्यक्ष ने खुद ही लिखकर दिया था कि वह भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था अपने वालंटियर्स के बलबूते नहीं कर पाएंगे। इसलिए गुफा का संचालन होना संभव नहीं था।

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