यूपी के इस जिले में न्यू टाउनशिप को लेकर सरकार ने जारी किए 409 करोड़ रुपए, 4 गाँव के जमीन का होगा भूमि अधिग्रहण

मेरठ के मोहिउद्दीनपुर क्षेत्र में दिल्ली रोड पर बनने वाली आधुनिक टाउनशिप परियोजना को लेकर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाया। सरकार ने मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) को 409 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर कर दी है। इससे पहले भी 400 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। इस टाउनशिप को फेस-वन और फेस-टू के तहत 300 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाना है।
परियोजना की आधारशिला रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन की तैयारी की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि चैत्र नवरात्र के दौरान या उसके बाद कभी भी मुख्यमंत्री भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
नई टाउनशिप, जिसे 'इंटीग्रेटेड टीओडी टाउनशिप' का नाम दिया गया है, को कुल 31 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। आगामी एक माह में निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा, जबकि 2 महीने के भीतर प्लॉटों का आवंटन भी शुरू कर दिया जाएगा।
फेस-वन और फेस-टू के तहत भूमि अधिग्रहण का विवरण:-
- फेस-वन:
-मोहिउद्दीनपुर: 111 हेक्टेयर (496 किसान)
-छज्जूपुर: 30 हेक्टेयर (175 किसान)
- फेस-टू:
-कायस्थ गांवड़ी: 130 हेक्टेयर (730 किसान)
-इकला: 21 हेक्टेयर (96 किसान)
मेरठ में नमो भारत परियोजना के तहत निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में दिल्ली रोड पर एक मस्जिद को हटाया गया था। हालांकि, रोशनपुर डोरली में प्रस्तावित स्टेशन निर्माण में मैसर्स शिविका स्टील्स नामक फर्म बाधा बन रही है। फर्म के मालिक को अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) ने बहुत बार नोटिस दिया, परंतु अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
मंगलवार को जिला प्रशासन ने तीसरा नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी है कि यदि इस बार भी प्रतिक्रिया नहीं आई तो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। रोशनपुर डोरली निवासी रोहताश सिंह (पुत्र बीरबल सिंह) की लगभग 135 वर्गमीटर जमीन नमो भारत परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई थी। इसके बदले उन्हें सितंबर 2024 में ही 1.25 करोड़ रुपये का मुआवजा दे दिया गया था।
इस अधिग्रहित जमीन पर अभी भी मैसर्स शिविका स्टील्स का कब्जा बना हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा 27 जुलाई 2024 और 28 अगस्त 2024 को पहले भी नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन रोहताश सिंह ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अब तीसरा नोटिस जारी कर प्रशासन ने उन्हें 15 दिनों के भीतर कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो जिला प्रशासन मजबूर होकर कानूनी कार्रवाई करेगा और अवैध कब्जे को हटाने की दिशा में कदम उठाएगा।