यूपी में 61 मकानों का सर्वे पूरा इस नई रेल लाइन के लिए जल्द मिलेगा मुआवजा
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मोदी सरकार 3.0 के पहले आम बजट में यूपी में रेल परियोजनाओं के लिए करोड़ रुपये मिले हैं। इनमें ट्रेन के अलावा ट्रैक को कवच सिस्टम से लैस किए जाने जैसी प्रमुख योजनाएं शामिल हैं। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने यूपी को मिले बजट समेत कई अन्य जानकारियां दीं। प्रोजेक्ट्स के पूरे हो जाने पर यूपी में रेलवे की नई तस्वीर उभरकर सामने आएगी। उम्मीद है कि इस बार इनको ट्रैक पर उतारा जा सकेगा। इसके अलावा कई स्टेशनों की सौगात भी मिलेगी।
अगले साल तक हाईटेक हो जाएंगे यूपी के रेलवे स्टेशन
योजना के तहत हो रहा कायाकल्प
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का रेलवे स्टेशनों के विकास पर पूरा फोकस है, रेलवे के अभी तक के इतिहास में उतना काम पहले कभी नहीं हुआ, जितना वर्तमान में हो रहा है, जहां तक बात रेलवे स्टेशनों के सौंदर्यीकरण की करेंए तो छोटे स्टेशनों से लेकर बड़े स्टेशनों को संवारा जा रहा है, यात्री सुविधा की दृष्टि से वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन तैयार कराए जा रहे हैं, रेलवे स्टेशन पर आने वाले अगले 50 सालों को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, देश भर में कुल 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास पर सरकार खास ध्यान दे रही हैण् इनमें आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को भी काफी कुछ मिल रहा है, उत्तर प्रदेश में अगर रेलवे स्टेशनों के रि डेवलपमेंट की बात की जाए, तो 56 ऐसे स्टेशनों को चिन्हित किया गया है, जहां पर अमृत भारत स्टेशन स्कीम के तहत काम किया जा रहा है, इन स्टेशनों में 44 रेलवे स्टेशन उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अंतर्गत तो 12 रेलवे स्टेशन पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत आते हैं, इन स्टेशनों के विकास पर कई हजार करोड रुपये का बजट सरकार की तरफ से रेलवे प्रशासन को मुहैया कराया गया है, रेलवे के अधिकारियों का दावा है, कि अगले साल जून माह से लेकर अगस्त माह तक इन स्टेशनों पर वर्ल्ड क्लास यात्री सुविधाएं नजर आने लगेंगी, इसके लिए जल्द एक समिति का गठन किया जाएगा। मकानों की संरचना, निर्माण सामग्री, आकार और बाजार मूल्य के आधार पर मुआवजे की राशि तय करेगी। मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मकान मालिकों से आवश्यक दस्तावेज लिए जाएंगे, जिससे मुआवजे के भुगतान में किसी भी प्रकार की देरी न हो। रेलवे के अनुसार, भिसवा और पड़री में स्थित दो विद्यालय भी रेलवे लाइन के दायरे में आ रहे हैं, लेकिन इन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में रेलवे के उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है, ताकि उचित समाधान निकाला जा सके। रेलवे विभाग का कहना है कि प्रभावित मकानों की उचित कीमत का आकलन लोक निर्माण विभाग की ओर से किया जाएगा। रेलवे और भूमि अध्याप्ति विभाग की संयुक्त टीम ने इन भवनों का चिह्नीकरण कर लिया है। अब इनके मुआवजे की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। जानकारी के अनुसार, रेल निर्माण के प्रथम चरण में घुघुली से लेकर महुअवा तक रेलवे विभाग की ओर से बाधा बन रहे 61 मकानों का सर्वे कर सूची लोक निर्माण विभाग को सौंप दी गई है। ताकि उनके मूल्यांकन का कार्य शीघ्र पूरा हो सके।