यूपी के इन 18 जिलो में बनेंगे ख़ास स्टेशन, यात्रियों को इस तरह होगा लाभ

उत्तर प्रदेश: यूपी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश को इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) क्रांति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ ऊर्जा और भविष्य के स्मार्ट ट्रांसपोर्ट की दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं. सरकार का फोकस अब केवल EV के प्रचार पर नहीं, बल्कि एक मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर है, ताकि जनता को इसका सहज लाभ मिल सके.
शहरी परिवहन निदेशालय ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की है जिसके तहत पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के माध्यम से राज्य के 16 प्रमुख नगरों में कुल 320 सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे. यह पहल न केवल लोगों की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि निजी क्षेत्र की भागीदारी से तकनीकी दक्षता और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा. आंकड़ों पर गौर करें तो EV के प्रति प्रदेशवासियों की रुचि में जबरदस्त उछाल देखा गया है:-
- 2022 में: 75,998 पंजीकरण
- 2023 में: 1,29,466 पंजीकरण
- 2024 में: 1,55,889 पंजीकरण
इन आंकड़ों ने उत्तर प्रदेश को देश का सबसे बड़ा EV-उपयोगकर्ता राज्य बना दिया है.
इन शहरों में लगेंगे चार्जिंग स्टेशन:

लखनऊ (27), कानपुर (26), प्रयागराज (25), अयोध्या (28), वाराणसी (20), आगरा (20), मथुरा (21), अलीगढ़ (22), मेरठ (22), बरेली (16), गोरखपुर (21), झांसी (20), शाहजहांपुर (20), मुरादाबाद (07), फिरोजाबाद (20), सहारनपुर (05). प्रत्येक स्टेशन के लिए 180 वर्ग फीट जगह तय की गई है, जहां आधुनिक चार्जर जैसे CCS-2, CHAdeMO, और Bharat AC/DC लगाए जाएंगे। ये सभी प्रकार के वाहनों 2, 3 और 4-व्हीलर के अनुकूल होंगे. ये स्टेशन ऐसे स्थानों पर लगाए जाएंगे जो भीड़भाड़ वाले हों, जैसे बाजार, रेस्तरां और प्रमुख सार्वजनिक स्थल. चार्ज पॉइंट ऑपरेटर्स (CPOs) को चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी. उन्हें बिजली, बीमा, कर भुगतान और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देने की शर्तों का पालन करना होगा.
नगर निगम चार्जिंग स्टेशनों के लिए भूमि उपलब्ध कराएंगे और बिजली कनेक्शन में सहयोग करेंगे. साथ ही, प्रत्येक यूनिट चार्ज पर एक रुपया राजस्व हिस्सेदारी के रूप में लेंगे. शहरी परिवहन निदेशालय समय-समय पर निरीक्षण करेगा ताकि सुरक्षा और तकनीकी मापदंडों का पालन हो सके. उत्तर प्रदेश सरकार ने 2022 में इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग और मोबिलिटी पॉलिसी लागू की थी, जिसका उद्देश्य 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और करीब 10 लाख रोजगार सृजित करना है. इस पूरी प्रक्रिया को सीएम कार्यालय द्वारा सीधे मॉनिटर किया जा रहा है, और निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा भी दी गई है. सरकारी आकलन के अनुसार, वर्ष 2030 तक भारत में 102 मिलियन इलेक्ट्रिक वाहन होंगे, और उत्तर प्रदेश इसमें अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है. यह परियोजना न केवल ईवी उपयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के लिहाज से भी एक मील का पत्थर साबित होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से उत्तर प्रदेश एक स्वच्छ और आधुनिक परिवहन प्रणाली की ओर कदम बढ़ा चुका है. यह योजना सिर्फ चार्जिंग स्टेशन लगाने तक सीमित नहीं, बल्कि एक बड़े बदलाव का हिस्सा भी है जो पर्यावरण की रक्षा, युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा.